Scroll की एग्जीक्यूटिव एडिटर सुप्रिया शर्मा के खिलाफ FIR, वाराणसी में पीएम मोदी के गोद लिए गांव से जुड़ा है मामला

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Scroll की एग्जीक्यूटिव एडिटर सुप्रिया शर्मा के खिलाफ FIR, वाराणसी में पीएम मोदी के गोद लिए गांव से जुड़ा है मामला

डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म स्क्रॉल (Scroll) की एग्जीक्यूटिव एडिटर और पत्रकार सुप्रिया शर्मा (Supriya Sharma) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक एफआईआर दर्ज की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में उनके गोद लिए गाँव से जुड़ी एक रिपोर्ट के लिए सुप्रिया शर्मा के खिलाफ यह FIR हुई है। वाराणसी जिला पुलिस ने सुप्रिया शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 269 और 501 के अलावा SC/ST एक्ट, 1989 के सेक्शन 3 के तहत एफआईआर दर्ज किया है।

Scroll की एग्जीक्यूटिव एडिटर सुप्रिया शर्मा के खिलाफ FIR, वाराणसी में पीएम मोदी के गोद लिए गांव से जुड़ा है मामला


वाराणसी नगर निगम में आउटसोर्सिंग से सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रही माला देवी नाम की एक महिला ने पत्रकार सुप्रिया शर्मा के खिलाफ रामनगर थाने में शिकायत दर्ज करवाया है। माला देवी ने आरोप लगाया है कि आरोपी पत्रकार ने मेरे बारे में झूठी खबर छापी है कि लॉकडाउन के दौरान मैं और मेरे बच्चे भूखे रहे हैं। जबकि मुझे और मेरे परिवार को ऐसी कोई भी समस्या नहीं हुई है। ऐसा करके उन्होंने मेरी जाति और गरीबी का मजाक उड़ाया है।

Scroll की एग्जीक्यूटिव एडिटर सुप्रिया शर्मा के खिलाफ FIR, वाराणसी में पीएम मोदी के गोद लिए गांव से जुड़ा है मामला

स्क्रॉल की वेबसाइट पर 8 जून को सुप्रिया शर्मा की एक रिपोर्ट छपी थी, जिसमें उन्होंने बनारस के कुछ स्थानीय लोगों से बातचीत के आधार पर यह बताया था कि लॉकडाउन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के गोद लिए गाँव में  वोभूखे रहने को मजबूर थे। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि वाराणसी के डोमरी गांव में लॉकडाउन के दौरान कई लोगों के पास राशन कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें अनाज नहीं मिल पा रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, 17 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के राशन कार्ड और आधार कार्ड के बिना भी जरूरतमंद लोगों को राशन किट दिए जाने की घोषणा के बावजूद वाराणसी के इस गांव में अनाज नहीं मिला।


स्क्रॉल की इस रिपोर्ट में कहा गया कि सीधे प्रधानमंत्री के साथ जुड़ाव होना या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से, डोमरी के कई निवासियों को कुछ काम नहीं आया और ऐसी आपात स्थिति में उनके पास मदद नहीं पहुँच सकी। इतना ही नहीं, लॉकडाउन के दौरान पीडीएस लिस्ट में दो परिवार के सिर्फ 8 लोगों के नाम ही जोड़े गए।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत डोमरी गाँव को गोद लिया। वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2014 में जीतने के बाद यह चौथा गाँव था, जिसे पीएम मोदी ने गोद लिया। 2011 की जनगणना के अनुसार इस गांव की आबादी 5,000 थी, जो पिछले कुछ सालों में बढ़ी भी है।


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