ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय थी भानू अथैया, जानें क्यों कर दिया था भानू ने अवॉर्ड वापिस

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ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय थी भानू अथैया, जानें क्यों कर दिया था भानू ने अवॉर्ड वापिस

फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान ‘ऑस्कर’ पाने की चाह हर कलाकार को होती है। विश्व भर में हर कलाकार ऑस्कर पाने के लिए मेहनत करते हैं। भारत को अब तक 18 बार ऑस्कर में नॉमिनेशन मिला है। भारत के खाते में अब तक पांच ऑस्कर हैं, जबकि तीन बार ‘बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म’ के लिए नॉमिनेशन मिला। पर क्या आपको पता है कि भारत को पहली बार यह सम्मान किसने दिलाया?

भानू अथैया ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय थी, जिन्होंने 1983 में जॉन मोलो के साथ मिलकर ‘बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग’ के लिए यह खिताब जीता। उन्हें यह खिताब रिचर्ड एटनबरो की अंतरराष्ट्रीय फिल्म ‘गांधी’ के लिए दिया गया।


पहली भारतीय ऑस्कर विजेता भानू अथैया का जन्म आज ही के दिन यानी, 28 अप्रैल 1929 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। उनका पूरा नाम भानुमति अन्नासाहेब राजोपाध्येय था। कई बॉलीवुड फिल्मों में कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग करने वाली भानू ने अपने करियर की शुरुआत साल 1956 में फिल्म सीआइडी से की थी। अपने फिल्मी करियर में उन्होंने बॉलीवुड की कई प्रसिद्द हस्तियों के साथ काम किया। साथ ही उन्होंने हॉलीवुड के भी नामचीन निर्देशकों के साथ काम किया।

भानू ने अपने 50 साल के करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों के लिए कपड़े डिजाइन किये जिनमें प्यासा, चौहदवीं का चांद और साहब बीवी और गुलाम जैसी फिल्मों में उनके डिजाइन बेहद ही पॉपुलर हुए।  गुरु दत्त के साथ उनकी जोड़ी शानदार रही।  ऑस्कर के अलावा भानू को फिल्म ‘लेकिन’ (1991) और ‘लगान’ (2002) के लिए दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

क्यों कर दिया था ऑस्कर वापिस? 


एकेडमी अवॉर्ड (ऑस्कर) में न सिर्फ भारत का प्रतिनिधित्व करने बल्कि देश को इस सम्मान से गौरवान्वित करने वाली भानू अथैया ने 23 फरवरी 2012 को बताया कि, वह अपना अवार्ड ‘द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस’ को वापिस सौंपना चाहती हैं। 15 दिसंबर 2012 को इस बात की पुष्टि कर दी गयी कि उन्होंने अपना अवार्ड एकेडमी को वापिस सौंप दिया है। भानु ने यह फैसला ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने पर लिया क्योंकि उनका मानना था कि उनकी मौत के बाद उनका परिवार इस सम्मान की सही से देखभाल नहीं कर पायेगा। उनके हिसाब से एकेडमी उनके इस सम्मान के लिए सबसे सुरक्षित जगह होगी।

भानू ने कॉस्टयूम डिजाइनिंग पर साल 2010 में किताब भी लिखी जिसका नाम उन्होंने ‘The Art Of Costume Design’ रखा।

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