भारत के पहले और इकलौते सिख राष्ट्रपति थे ज्ञानी जैल सिंह, जानें उनके बारे में कुछ खास बातें

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भारत के पहले और इकलौते सिख राष्ट्रपति थे ज्ञानी जैल सिंह, जानें उनके बारे में कुछ खास बातें

ज्ञानी जैल सिंह भारत के पहले और इकलौते सिख राष्ट्रपति थे। उन्होंने 25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987 तक राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला। उन्हीं के कार्यकाल के दौरान ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ और इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी। आज उनकी जयंती है।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का जन्म 5 मई 1916 को फरीदकोट में हुआ था। छोटी उम्र में ही उनकी मां छोड़ कर चली गई। मौसी ने उनका लालन-पालन किया था। वह पंजाब के एक किसान किशन सिंह के बेटे थे। बचपन में उन्होंने खेती की, हल चलाए, फसल काटी और जानवरों को भी चराने ले जाते थे। पढ़ाई में कोई खास दिलचस्पी न होने के कारण उनकी पढ़ाई भी अधूरी रह गई थी। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि, यह साधारण सा बालक आगे चल कर भारत का पहला सिख राष्ट्रपति बनेगा।


ज्ञानी जैल सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

1.  उन्हें पढ़ने से ज्यादा म्यूजिक का शौक था, इसलिए वह हारमोनियम सीखने के लिए पिता की हर बात मानते थे।

2. उनके पिता ने कहा था कि अगर गाने में तुमको ज्यादा इंटरेस्ट है तो इसका कीर्तन करो, गुरुवाणी का पाठ करो। ज्ञानी जैल सिंह को पिता की यह बात पसंद आई और वह गुरुग्रंथ साहब के वाचक बन गए।

3. ज्ञानी जैल सिंह का स्वभाव बचपन से ही क्रांतिकारी था। 15 साल की उम्र में वह ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध काम कर रहे अकाली दल से जुड़ गए थे।


4. स्वतंत्रता से पूर्व ज्ञानी जैल सिंह देश को स्वराज दिलाने और अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए आंदोलनों में शामिल होने लगे थे। 1938 में ‘प्रजा मंडल’ पार्टी का गठन किया था।

5. अंग्रेजों ने जैल सिंह को जेल भेज दिया, उन्हें पांच वर्ष की सजा सुनाई गई।

6. बताया जाता है कि, उन्होंने पंजाब में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में नौकरी भी की, लेकिन उनका मन वहां भी नहीं लगा।

7. युवावस्था में उन्होंने फरीदकोट में तिरंगा फहराने के बारे में सोचा, लेकिन वहां के स्थानीय अफसरों ने मना कर दिया। इसके बाद इसकी शिकायत में उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेटर लिखा। उनकी इस बात से नेहरू काफी प्रभावित हुए।

8. ज्ञानी अपनी ‘पार्टी प्रजा मंडल’ को छोड़ कर नेहरू के साथ जुड़ गए और पंजाब में कांग्रेस के लिए काम करने लगे। यहीं से उनके पॉलिटिकल करियर की शरुआत हुई।

9. स्वतंत्रता के बाद ज्ञानी जैल सिंह को पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्यों के संघ का राजस्व मंत्री बनाया गया।

10. 1951 में उनको कृषि मंत्री बनाया गया। वह 1956 से 1962 तक राज्यसभा के भी सदस्य रहे।

11. सन 1962 में ज्ञानी जैल सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने।

12. ज्ञानी जैल सिंह देश के पहले सिख राष्ट्रपति थे। 1982 में उन्होंने भारत के सातवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987 तक रहा इसी दौरान सिख दंगे, ऑपरेशन ब्लू स्टार और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई।

25 दिसंबर 1994 को चंडीगढ़ में ज्ञानी जैल सिंह का निधन हो गया।

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