लोकसभा चुनावों में AMU के पूर्व छात्र चमके, पांच पूर्व छात्र बने 17वीं लोकसभा का हिस्सा

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लोकसभा चुनावों में AMU के पूर्व छात्र चमके, पांच पूर्व छात्र बने 17वीं लोकसभा का हिस्सा

‘अलीगढ़ मुस्लिम युनिवेर्सिटी’ (AMU) देश की बेहतरीन यूनिवर्सिटीज में से एक है। यह यूनिवर्सिटी देश की राजनीती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई है। AMU ने भारीतय इतिहास के कुछ बेहतरीन राजनेता समेतदेश को राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति तक दिए। आज भी AMU देश की राजनीती में अपनी भागीदारी दे रही है।

‘अलीगढ़ मुस्लिम युनिवेर्सिटी’ के पांच पूर्व छात्र सांसद बन कर 17वीं लोकसभा का हिस्सा बने हैं। इनमें से तीन सांसद उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन की सीटों से लोकसभा में पहुंचे हैं। जिनमें आजम खान, हाजी फजलूर रहमान और डॉ एसटी हसन शामिल हैं। इसके अलावा एडवोकेट मोहम्मद अकबर लोन जम्मू कश्मीर से तो वहीँ चौधरी मेहबूब अली बिहार से सांसद चुने गए हैं।


2014 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 71 सीटें बीजेपी ने अपने नाम की थी, जिसके चलते उत्तर प्रदेश से एक भी मुस्लिम कैंडिडेट लोकसभा नहीं पहुंच पाया था।

इस लोकसभा चुनाव में, समाजवादी नेता आजम खान ने उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से बॉलीवुड अदाकारा से राजनेता बनी जया पर्दा को एक लाख से अधिक वोटों से हराया। वहीँ समजवादी पार्टी के अन्य नेता डॉ एसटी हसन ने मुरादाबाद से बीजेपी के बीजेपी के कुंवर सर्वेश कुमार को मात दी। बहुजन समाजवादी पार्टी के टिकट से सहारनपुर से सांसद चुने गए हाजी फजलूर रहमान ने बीजेपी के राघव लखनपाल को हरा कर 17वीं लोकसभा में अपनी जगह बनाई।

साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र अलीगढ़ से सिर्फ 1957 में कांग्रेस की टिकट से जमाल ख्वाजा सांसद बनने वाले इकलौते मुस्लिम हैं। अन्यथा इस सीट से हमेशा हिन्दू कैंडिड्टे ही सांसद चुने जाते रहे हैं। इस बार सतीश गौतम 17वीं लोकसभा के लिए अलीगढ़ से बीजेपी के सांसद चुने गए हैं।


AMU की उर्दू एकडेमी के डायरेक्टर राहत अकबर ने कहा, ‘AMU के लिए यह काफी गर्व की बात है कि उसके पांच पूर्व छात्र 17वीं लोकसभा का हिस्सा बने हैं। वो भी तब, जब लोगों को लगता हैं कि देश में मुस्लिम रिप्रजेंटेशन कम है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘वह उम्मीद करते हैं ये सभी पांच सांसद संसद में अपनी पूरी भागीदारी निभाएंगे।’

अगर AMU के पूर्व छात्रों और रिटायर्ड फैकल्टी मेंबर्स की मानें तो, AMU के कई पूर्व छात्र सांसद चुने गए जिनमें से कई केंद्रीय मंत्रालय में भी रहे। लेकिन इसके बावजूद भी किसी ने इस शिक्षा संसथान के लिए कुछ नहीं किया।

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