नेपाल के तराई क्षेत्र व उत्तर बिहार के मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इन इलाकों की ज्यादातर नदियां उफान पर है और कई तो खतरे के निशान से भी ऊपर बह रही हैं। जिस वजह से नदियों के किनारे बने तटबंधों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है।
बिहार के जल संसाधन विभाग ने कई जिलों में तटबंध पर दबाव बढ़ने के बाद अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसे में इन नदियों सटे इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। भारी बारिश की चेतावनी को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने NDRF और SDRF की टीमों को तैयार रहने को कहा है।
मौसम विभाग ने 12 जुलाई तक बागमती बेसिन में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है। इससे बिहार के 14 जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न होने की आशंका है। ऐसा हुआ तो कम- से- कम 50 लाख की आबादी बाढ़ संकट में फंस सकती है। राज्य की नदियों में जल स्तर बढ़ने पर सरकार ने 15 जिलों में निचले इलाकों में रहने वाली आबादी को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी में जुटी हुई है।
इस बात की जानकारी जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय कुमार झा ने ट्वीट पर भी दी है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारियों को निचले इलाके से लोगों को शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि बारिश और बाढ़ के बारे में लोगों को सतर्क किया जाए।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक गंडक के जलग्रहण क्षेत्र नेपाल के पोखरा में पिछले शुक्रवार शाम तक एक दिन में 250.9 मिमी व भैरवा में 134.3 मिमी बारिश हुई। इस वजह से गंडक के जलस्तर में काफी जबरदस्त उछाल आया है। जिस वजह से शुक्रवार देर शाम तक वाल्मीकिनगर बराज से 2.80 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया।
गंडक के जलस्तर में वृद्धि की आशंका को देखते हुए पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज व सारण के अधिकारियों को अलर्ट किया गया है। सिमरा में 128.4 व काठमांडू में 27.5 मिमी बारिश होने के बाद बागमती का जलस्तर भी बढ़ा है। ऐसे में सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा के अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।
कोसी नदी में भी जल स्तर बढ़ने की साथ ही इसकी तेज धार परेशानी का सबब बनती जा रही है। शुक्रवार देर शाम तक सुपौल स्थित बीरपुर बराज से 2.30 लाख क्यूसेक पानी कोसी में छोड़ा गया, जबकि सामान्यत: यहां से डेढ़ लाख क्यूसेक तक ही पानी छोड़ा जाता है। वहीं पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर बराज से 2.64 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
इस बीच मुजफ्फरपुर में बागमती और लालबकेया नदी सीतामढ़ी में लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शुक्रवार देर शाम तक बागमती कटौंझा में 80 सेमी, ढेंग में 82 सेमी व सोनाखान में 36 सेमी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. वहीं मधुबनी में कमला खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर थी।