Shani Dev Pooja Vidhi: शनिवार (Saturday) के दिन भगवान शनिदेव (Shani Dev) की पूजा का विधान है। इस दिन शनिदेव की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। जिन लोगों पर साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी सही हो जाता है।
शनिवार को पूर्ण नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव की विशेष कृपा होती है। शनिदेव के क्रोध से बचना बेहद जरूरी होता है नहीं तो मनुष्य के संकटो में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी होती हैं। इसलिए शनिदेव की पूजा करते वक़्त कई बातें ध्यान रखनी चाहिए।
काली चीजों का दान करें
शनिवार को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए, उसके बाद शनिदेव की आराधना करते हुए तिल, लौंगयुक्त जल को पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए। इसके बाद शनिदेव की प्रतिमा के समीप बैठकर उनका ध्यान लगाते हुए मंत्रोच्चारण करना चाहिए।
जब आपकी पूजा संपन्न हो जाए तो काले वस्त्रों या फिर काली वस्तुओं को किसी गरीब को दान करने चाहिए, साथ ही ये भी याद रखना भी जरूरी है कि अंतिम व्रत के दिन शनिदेव की पूजा के साथ-साथ हवन भी करना चाहिए।
लाल रंग से क्रोधित हो जाते हैं शनिदेव
शनिदेव की पूजा में काले रंग की वस्तुओं का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। भूलकर भी शनि की पूजा में लाल रंग का कुछ भी न चढ़ाएं। चाहे लाल कपड़े हों, लाल फल या फिर लाल फूल ही क्यों न हों।
शनिदेव की पूजा में पश्चिम दिशा का रखें खास ध्यान
शनि की पूजा करते समय व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। दरअसल शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है। शनिदेव की पूजा करते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
तांबे के बर्तन का न करें इस्तेमाल
शनिदेव की पूजा में तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि सूर्य और शनि पिता-पुत्र होते हुए भी एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं और तांबे को सूर्य की धातु माना गया है। शनि की पूजा में लोहे के बर्तनों का ही इस्तेमाल करें।
पूजा में दीपक भी लोहे या मिट्टी का ही जलाएं और लोहे के बर्तन में ही तेल भरें और शनिदेव को चढ़ाएं। इसके अलावा प्रत्येक शनिवार को शनिदेव को काले तिल और काली उड़द का चढ़ावा चढ़ाएं।