कांग्रेस ने दरभंगा क्षेत्र की जाले विधानसभा सीट से इस बार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के पूर्व अध्य्क्ष डॉ मशकूर अहमद को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। बिहार के मशकूर अहमद उस्मानी साल 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए थे।
मशकूर जाले विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के जीवेश कुमार को चुनौती देंगे। मशकूर दरभंगा के लाल बाग में सीएए और एनपीआर के विरोध की प्रमुख आवाजों में से एक रहे। मशकूर पहली बार तब चर्चा में आए थे जब एएमयू छात्रसंघ हॉल में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर सवाल उठाते हुए भाजपा सांसद ने वीसी प्रो तारिक मंसूर को पत्र लिखा।
इस पत्र के संज्ञान में आने के बाद हिंदू संगठनों ने जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग की। दरअसल इस तस्वीर हटाने के लिए हिंदू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ता एएमयू कैंपस में घुस गए थे। इस दौरान हुए लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए थे। इसके बाद अलीगढ़ छात्रों ने धरना कर ये मांग रखी कि कैंपस में घुसे हिंदू युवा वाहिनी के लोगों को गिरफ्तार किया जाए और मामले की न्यायिक जांच हो।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन प्रेसिडेंट अध्यक्ष मशकूर उस्मानी ने तब कहा था कि हिंदुवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने एएमयू परिसर में आकर अराजकता की थी। जब छात्रों ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज कर दिया इसको लेकर छात्र अपनी मांगीं को लेकर धरने पर बैठ गए, मांगे नही माने नही माने जाने पर अपनी मांग पर अड़े रहे थे।
एमयू छात्रसंघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने उस वक्त एक पोस्ट लिखा, ”स्टूडेंट यूनियन स्वतंत्र संस्थान है। इस बॉडी के कामों में कोई दख़ल नहीं दे सकता। हम जिन्ना की विचारधारा का विरोध करते हैं लेकिन उनकी तस्वीर होना बस एक ऐतिहासिक तथ्य है।तस्वीर का होना ये साबित नहीं करता है कि छात्र जिन्ना से प्रेरणा लेते हैं।”
छात्रसंघ अध्यक्ष उस्मानी ने कहा था, ”ये लोग जिन्ना की तस्वीरों बात करते हैं लेकिन गांधी की हत्या के अभियुक्त सावरकर को भूल जाते हैं। देश की संसद, जहां संविधान की रक्षा होती है वहां सावरकर की तस्वीर क्यों लगाई हुई है, फिर सावरकर की तस्वीर भी हटाइए। जब आप इतिहास को ख़त्म करना चाह रहे हैं तो सारी बातें सामने आनी चाहिए।”