पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) ने देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर चिंता जताई है। जीडीपी में तेज गिरावट को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त की और मोदी सरकार पर निशाना साधा। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज अर्थव्यवस्था की हालत बहुत चिंताजनक है। पिछली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन चल रहा है। भारत में बहुत तेज गति से बढ़ने की क्षमता है लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन का ही यह मंदी का परिणाम है। उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे ब्लंडर की वजह से हमारी इकॉनमी को जो नुकसान हुआ है, उससे हम अभी उबर नहीं पाए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह विशेष रूप से व्यथित करने वाला है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 0.6% है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक मानव-निर्मित ब्लंडर नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू किए गए जीएसटी से उबर नहीं पाई है।
Our economy has not recovered from the man made blunders of demonetisation & a hastily implemented GST… I urge the govt to put aside vendetta politics & reach out to all sane voices to steer our economy out of this crisis: Former PM Dr Manmohan Singh #DrSinghOnEconomicCrisis pic.twitter.com/83cBJWHay9
— Congress (@INCIndia) September 1, 2019
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर के घटकर 5 प्रतिशत पर आने के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बदले की राजनीति करने के बजाय सुधी लोगों के सुझावों पर ध्यान दे और अर्थव्यवस्था को गंभीर सुस्ती से उबारने का प्रयास करे। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक हालात गंभीर रूप से चिंताजनक हैं और पहली तिमाही में 5 फीसदी की जीडीपी वृद्धि दर दर्शाती है कि हम लंबे समय तक बने रहने वाली आर्थिक नरमी के दौर में हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा,”मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह प्रतिशोध की राजनीति को त्याग कर मानव निर्मित संकट से अर्थव्यवस्था को निकालने के लिए सुधी जनों की आवाज सुने। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप व्यापक पैमाने पर रोजगार विहीन विकास हो रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ने की क्षमता है लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन से हम आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहे हैं।
गौरतलब है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 5 प्रतिशत रह गयी। यह पिछले सात साल का न्यूनतम स्तर है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है।