गांधी को याद करते हुए गुटेरेस ने हेट स्पीच को खत्म करने का आह्वान किया

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संयुक्त राष्ट्र, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। महात्मा गांधी को याद करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ऑनलाइन और ऑफ लाइन ‘नफरत से भरी बातों’ हेट स्पीच) को समाप्त करने का आह्वान किया है।

उन्होंने गांधी जयंती, जिसे संयुक्त राष्ट्र में अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है, को मनाने के लिए भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित वर्चुअल बैठक के दौरान शुक्रवार को कहा, “हिंसा कई तरह के रूप लेती है: जलवायु आपातकाल के विनाशकारी प्रभाव से लेकर सशस्त्र संघर्षों से होने वाली तबाही तक, गरीबी को लेकर रोष से लेकर मानवाधिकार उल्लंघन के अन्याय से घृणा फैलाने वाले बयानों, भाषणों के क्रूर प्रभावों तक।”


उन्होंने कहा, “ऑनलाइन और ऑफ-लाइन, हम अल्पसंख्यकों पर निशाना साधने वाले घृणास्पद बयानबाजी सुनते हैं और किसी ने ‘अन्य’ पर विचार किया। इस बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने दो जरूरी पहल की हैं: घृणास्पद भाषण के खिलाफ कार्रवाई की योजना और दूसरा सुरक्षा और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर योजना।”

भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा, ” महात्मा गांधी के लिए अहिंसा का अर्थ बहुत सी चीजें थीं। हमें सत्य के लिए अहिंसा को एक शक्तिशाली हथियार के रूप में और अपने स्वयं के बाहरी और आंतरिक स्वभाव, अंतरमन को साफ करने की आवश्यकता है।”

संयुक्त राष्ट्र द्वारा ऑनलाइन प्रसारित कार्यक्रम में 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


कोविड-10 महामारी से निपटने के लिए गांधी की प्रासंगिकता कार्यक्रम के समय वक्ताओं के दिमाग में थी।

रूस के स्थायी प्रतिनिधि वासिली नेबेंजा ने महामारी से निपटने को लेकर रुख में बदलाव लाने के संदर्भ में गांधी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, “आपको उस बदलाव का वाहक बनना होगा जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह अभूतपूर्व खतरा सभी देशों को एकजुट करेगा और अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ाएगा।”

वहीं, अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि केली क्राफ्ट ने कहा, “जन्मदिन मुबारक हो, गांधी। हम वास्तव में आज आपकी मौजूदगी का सदुपयोग कर सकते हैं। शुक्र है कि आपकी प्रेरणा और मार्गदर्शन अभी भी दुनिया भर में प्रतिध्वनित होती है।”

उन्होंने कहा कि महात्मा के सिद्धांत और नैतिकता की अपील, संयुक्त राष्ट्र में हमारे यहां नजर आती है, जहां मानव अधिकारों की रक्षा से लेकर शांति स्थापना तक, शरणार्थियों की सख्त जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाया जाता है।

–आईएएनएस

वीएवी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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