भोपाल, 14 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश सरकार अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी परिवारों को गैर लाइसेंसी साहूकारों के कर्ज से मुक्ति देने के लिए अध्यादेश लाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को जनाधिकार कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टर से कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में जनजातीय परिवारों को राहत देने के लिए साहूकारी ऋण विमुक्ति अध्यादेश लाया जाएगा। इसके अनुसार 15 अगस्त 2019 तक जनजातीय बंधुओं पर साहूकारों के जितने कर्ज हैं, उन सबसे उन्हें मुक्ति मिल जाएगी। उनकी गिरवी रखी संपत्ति भी उन्हें वापस मिलेगी। ऐसे परिवारों पर जो बकाया कर्ज है उसकी जबरन वसूली करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा। उन्हें बताया गया कि नियमों को दरकिनार करने पर तीन साल की सजा के साथ एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे अपने जिलों के अनुसूचित क्षेत्रों में ऐसे जनजातीय परिवारों और साहूकारों पर नजर रखें। कोई भी साहूकार जबरन कर्ज वसूली न कर पाए। विभिन्न जिलों से गैर लाइसेंसी साहूकारों की जानकारी भी मंगाई जा रही है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी विनियम 1972 में संशोधन का अध्यादेश भी राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। अनुसूचित क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने का अभियान चलाया जाएगा। लोगों को जन-धन खातों में ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ उठाने के लिये प्रेरित किया जाएगा। इसके बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। आदिवासी परिवारों को रुपे-कार्ड जारी किये जाएंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश देते हुए कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान सिर्फ बड़े जिलों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इसे सभी जिलों में सघनता से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुधारों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, इसलिए नई कार्य-संस्कृति विकसित करनी होगी। कमलनाथ ने कहा कि ‘आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम में जनता से जिलों के प्रशासन का फीडबैक मिलता रहता है। उन्होंने कहा कि जिलों में यह सुनिश्चित करें कि अधिकारी आम जनता के लिये हमेशा उपलब्ध रहें।