गेंद पुरानी करने के लिए ‘वन बाउंस’ तकनीक का इस्तेमाल कर रही भारतीय टीम

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 लीड्स, 3 जुलाई (आईएएनएस)| क्रिकेट में जब से दो नई गेंदों का नियम आया है तब से कई लोग इसकी खिलाफत कर चुके हैं क्योंकि इससे बल्लेबाजों को फायदा मिलता है और गेंदबाजों को गेंद को रिवर्स स्विंग कराने में मुश्किल होती है।

 भारतीय टीम ने हालांकि इस समस्या का सही रास्ता ढ़ूंढ लिया है। टीम की रणनीति है कि जब भी बाउंड्री के पास से गेंद थ्रो की जाएगी वो एक टप्पे यानी वन बाउंस में की जाएगी जिससे गेंद वक्त के साथ अपनी चमक खो बैठेगी और गेंदबाजों को पकड़ बनाने में मदद मिलेगी साथ ही रिवर्स स्विंग में भी मदद मिलेगी।


वन बाउंस की रणनीति पर भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने कहा, “जितने ओवर फेंके जाएंगे उतनी ही गेंद पुरानी होती जाएगी। हां, जब आप फील्डिंग करते हो और गेंद को एक टप्पे में भेजते हो तो इससे गेंद पुरानी होती है। इसके अलावा हम गेंद को पुरानी करने के लिए कुछ और नहीं कर सकते।”

बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में चार विकेट लेने वाले गेंजबाज जसप्रीत बुमराह ने भी राहुल की बात का समर्थन किया है।

इस तेज गेंदबाज ने कहा, “हमारा ध्यान स्पिनरों के आने तक गेंद को जल्द से जल्द पुरानी करने पर होता है। यही हमारी रणनीति थी। नई गेंद ज्यादा कुछ कर नहीं रही थी। गेंद जितनी पुरानी होगी विकेट भी धीमी हो जाएगी। हम जानते थे कि एक बार गेंद पुरानी हो गई तो उसे मारने में आसान नहीं होगा।”


वनडे में दो नई गेंदों को लेकर पहले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भी आलोचक रवैया अपना चुके हैं।

सचिन ने एक बार कहा था, “वनडे क्रिकेट में दो नई गेंदें होना खात्मे की तैयारी के लिए सबसे सही है क्योंकि एक भी गेंद को पुरानी होने का समय नहीं मिलेगा जिससे वो रिवर्स स्विंग हो सके। हमने काफी लंबे समय से रिवर्स स्विंग नहीं देखी जो अंत के ओवरों का अहम हिस्सा हुआ करती थी।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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