कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) के दो और साथी प्रभात मिश्रा व बउआ दुबे गुरुवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। पुलिस ने बताया कि पुलिस टीम प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी तभी बीच रास्ते में प्रभात ने पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की, इसी दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग भी कर दी।
जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई तो प्रभात घायल हो गया, अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं विकास का दूसरा साथी बउआ दुबे भी इटावा में मारा गया। यह जानकारी इटावा एसएसपी आकाश तोमर ने दी। पुलिस अफसरों के मुताबिक रणबीर शुक्ला ने देर रात महेवा के पास हाईवे पर स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। उसके साथ तीन और बदमाश थे।
पुलिस को लूट की जैसे ही खबर मिली चारों को सिविल लाइन थाने के काचुरा रोड पर घेर लिया। इस दौरान पुलिस और रणबीर शुक्ला के बीच फायरिंग शुरू हो गई। इस फायरिंग के दौरान रणबीर शुक्ला को ढेर कर दिया गया। हालांकि उसके तीन साथी भागने में कामयाब रहे। इटावा पुलिस ने आस-पास के जिले को अलर्ट कर दिया है।
रणबीर शुक्ला पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। एक खबर के मुताबिक कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद कुख्यात अपराधी विकास और अपने साथियों के साथ फरीदाबाद पहुंचे। जहां पर विकास ने अपनी भाभी के यहां पनाह ली और पुलिस टीम के वहां पहुंचने से पहले फरार हो गया।
फरीदाबाद में सूचना मिलने के बाद वहां की क्राइम ब्रांच पुलिस और एसटीएफ ने न्यू इंदिरा नगर नहर पार फरीदाबाद में छापेमारी की। वहां से कार्तिकेय, अंकुर और श्रवण को गिरफ्तार किया। जब क्राइम ब्रांच ने पूछताछ शुरू की तो चौकाने वाला खुलासा हुआ। कार्तिकेय उर्फ प्रभात ने जानकारी दी कि पुलिस कर्मियों की हत्या करने के बाद उसने और विकास ने उनकी दो पिस्टले और कारतूस लूटी और वहां से शिवली निकल गए। वह लोग शिवली में दो दिन रुके।
मोटरसाइकिल और टैक्सी से सफर करते हुए वह लोग फरीदाबाद पहुंच गए। यहां उन्होंने विकास की भाभी शांति मिश्रा के यहां शरण ली। उन्हें शरण देने के मामले में अंकुर और श्रवण को गिरफ्तार किया गया है। प्रभात ने बताया कि पुलिस टीम के आने की सूचना मिलने के साथ ही विकास कुछ घंटे पहले फरार हो गया।