पणजी, 13 जुलाई (आईएएनएस)| गोवा में चार दिनों तक चले सियासी संग्राम के बाद राज्य कांग्रेस के तीन बागी विधायक चंद्रकांत कावलेकर, जेनिफर मोनसेरेट और फिलिप नेरी रॉड्रिक्स के साथ ही पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष माइकल लोबो ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। कांग्रेस के बागी विधायक बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राजभवन में संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष के पूर्व नेता कावलेकर को उप-मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
कांग्रेस से भाजपा में आए तीन विधायकों व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को मंत्रिमंडल की शपथ दिलाने के लिए मंत्रिमंडल में सीट खाली होना जरूरी था। इसलिए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपनी सहयोगी गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजई सरदेसाई, विनोद पलियनकर और जयेश सलगांवकर के साथ ही निर्दलीय विधायक रोहन खांटी को इस्तीफा देने का अनुरोध किया। मगर इन सभी विधायकों ने शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से कुछ देर पहले तक भी इस्तीफा नहीं सौंपा तो उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।
शनिवार को केवल एक गैर-भाजपा मंत्री गोविंद गौड़ मंत्रिमंडल में बने रहे।
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की समाधि स्थल पर आयोजित एक पार्टी बैठक में, सरदेसाई ने सावंत पर पर्रिकर की विरासत को मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। सरदेसाई ने उन्हें और भाजपा के सहयोगी दलों को धोखा देने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को दोषी ठहराया। इस घटनाक्रम को ‘गोवा का राजनीतिक दुष्कर्म’ कहा गया।
सरदेसाई ने कहा कि पर्रिकर ने मृत्यु से पहले उन्हें भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को अपना समर्थन जारी रखने का अनुरोध किया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने पर्रिकर से किए गए अपने वायदे के कारण इस्तीफा देने का नैतिक साहस नहीं होने की बात कही।
गोवा फॉरवर्ड नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी 15 जुलाई को गोवा विधानसभा के मानसून सत्र से पहले औपचारिक रूप से सरकार से समर्थन वापस लेगी।
सावंत ने हालांकि जोर देकर कहा कि उन्होंने किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया है और उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर काम करना है। बुधवार को 10 कांग्रेस विधायकों को शामिल करने के कारणों को बताते हुए सावंत ने कहा कि हर पार्टी पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाना चाहती है।
राज्य भाजपा प्रमुख विनय तेंदुलकर ने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से भाजपा में शामिल होना एक राष्ट्रव्यापी प्रवृत्ति बन गई है।
बुधवार को 10 कांग्रेस विधायकों को भाजपा में शामिल करने को लेकर पार्टी कैडर के मोहभंग के बारे में पूछे जाने पर तेंदुलकर ने कहा, “कार्यकर्ताओं को इसे सहन करना होगा और हम सभी को एक साथ आगे बढ़ना चाहिए।”