गोवा : मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने विश्वास मत जीता (राउंडअप)

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 पणजी, 20 मार्च (आईएएनएस)| गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह दिवंगत मनोहर पर्रिकर की ‘सकारात्मकता’ को आगे बढ़ाएंगे।

 गोवा की 36 सदस्यीय विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली गठबंधन सरकार के पक्ष में 20 मत पड़े, वहीं 15 ने विरोध में मतदान किया।


मतदान के बाद विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा पर पक्षपात करने और ‘विधायकों की खरीद-फरोख्त’ सुगम बनाने का आरोप लगाया। विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि कांग्रेस सावंत सरकार को गिराने का प्रयास नहीं करेगी और वह इंतजार करेगी कि सत्ताधारी गठबंधन ‘सामूहिक लालच में गिर जाएगी।’

प्रस्ताव के पक्ष में वोट डालने वाले 20 विधायकों में भाजपा के 11, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन और तीन निर्दलीय विधायक हैं, वहीं कांग्रेस के 14 तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक यानी कुल 15 विधायकों ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया।

36 सीटों वाली विधानसभा में विश्वास मत जीतने के लिए 19 मतों की जरूरत होती है। विश्वास मत साबित करने की प्रक्रिया विधानसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष और भाजपा विधायक माइकल लोबो की निगरानी में हुई।


विश्वास मत हासिल करने के बाद विधानसभा को संबोधित करते हुए सावंत ने कहा कि उनकी सरकार उनके पूर्ववर्ती मनोहर पर्रिकर की ‘सकारात्मक सोच’ को आगे ले जाएगी।

सावंत ने कहा, “निधन से पहले मनोहर पर्रिकर ने सकारात्मक होने का संदेश दिया। हम अगर इस संदेश के साथ आगे बढ़ते हैं तो हम गोवा को अच्छा भविष्य दे सकते हैं।”

सावंत (45) ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का दर्शन अंत्योदय के सिद्धांत पर आधारित है, जो समाज के निचले स्तर पर मौजूद लोगों को मुख्यधारा में शामिल करना चाहता है।

सावंत ने कहा, “और इसके लिए काम करने की जिम्मेदारी सिर्फ मुख्यमंत्री या विधायकों की नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक सदस्य की है। इसके लिए मुझे प्रत्येक गोवावासी की मदद चाहिए।”

सावंत को मंगलवार को मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया था। उन्होंने कहा कि विभागों का बंटवारा बाद में किया जाएगा।

लोकसभा चुनाव पर सावंत ने कहा, “यह मेरे लिए चुनौती है और निश्चित रूप से हम इस चुनौती को जीतेंगे। हम दोनों लोकसभा सीटें और विधानसभा सीटें जीतेंगे।”

भाजपा विधायक पांडुरंग मडकइकर जून 2018 में ब्रेन स्ट्रोक के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखे और विधानसभा पहुंचे। शारीरिक अक्षमता की वजह से वह कुर्सी पर बैठे रहे और अन्य विधायकों की तरह पक्ष या विपक्ष में हाथ ऊपर नहीं कर सके।

एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में राकांपा विधायक चर्चिल अलेमाओ सत्ता पक्ष की जगह विपक्ष में बैठे। उनका यह फैसला ऐस वक्त में आया है, जब उनकी बेटी वलांका लोकसभा चुनाव में दक्षिण गोवा सीट से टिकट के लिए प्रयास कर रही हैं।

विश्वास मत के बाद कावलेकर ने कहा कि गोवा के हाल के इतिहास में यह पहली बार है जब सत्ता पक्ष ने 20 मत के साथ विश्वास मत जीता है।

उन्होंने कहा कि अतीत में कभी भी विश्वास मत जीतने का आंकड़ा 21 से कम नहीं रहा। इससे पता चलता है कि यह सरकार कितनी ‘लोकप्रिय है’।

कावलेकर ने कहा, “उन्होंने अल्पमत को सरकार गठन के लिए बुलाया। भाजपा ने मध्यरात्रि का सर्कस किया और सौदे हुए तथा 20 का आंकड़ा जुटाया गया।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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