गुजरात से मध्यप्रदेश : गर्भवती 6 दिन में 196 किलोमीटर पैदल चली

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जयपुर, 13 मई (आईएएनएस)। गुजरात के अहमदाबाद से अपने पति, एक साल के बेटे और दो साल की बेटी के साथ अपने गृहनगर मध्यप्रदेश के रतलाम जाने के लिए निकली 9 महीने की गर्भवती महिला के लिए 6 दिनों में 196 किलोमीटर पैदल चलना काफी मुश्किल भरा रहा।

वह जल्द से जल्द घर पहुंचने के मकसद से एक जिले के बाद दूसरे जिले को पार करती चली गई, एक चेकपोस्ट के बाद दूसरे चेकपोस्ट को पार करती गई, लेकिन हैरानी की बात है कि किसी ने उसकी हालत पर तरस नहीं खाया।


हालांकि, डूंगरपुर चेकपोस्ट पर खुशकिस्मती से कुछ नेकदिल लोगों ने उसके प्रति दया दिखाई, जिन्होंने उसकी दुर्दशा को देखते हुए उसे रोक दिया और गृहनगर तक पहुंचने में मदद करने के लिए भोजन और परिवहन की पेशकश की।

डूंगरपुर के एसडीएम राजीव द्विवेदी ने आईएएनएस को बताया, “यह महिला, अपने पति और दो बच्चों के साथ, सोमवार शाम को डूंगरपुर चेकपोस्ट पहुंची। वहां मौजूद कर्मचारी उसकी दयनीय स्थिति को देखकर दंग रह गए, क्योंकि वह काफी थकी हुई और उसमें ऊर्जा की कमी दिख रही थी। जब यह पूछा गया कि क्या उसने भोजन किया है, उसने मना कर दिया। ऐसा भी लग रहा था जैसे वह दर्द में है।”

चेकपोस्ट के अधिकारियों ने एसडीएम और अन्य अधिकारियों को सूचित किया। जल्द ही पास के मेडिकल चेकपोस्ट के डॉक्टरों की एक टीम उसकी मेडिकल स्थिति की जांच करने के लिए वहां पहुंची। द्विवेदी ने कहा कि यह स्पष्ट था कि वह चलने की हालत में नहीं थी, लेकिन उसे अहमदाबाद से पैदल चलना पड़ा था और इसलिए उन्होंने परिवार को रात भर आराम करने के लिए कहा और उन्हें भोजन और आश्रय की पेशकश की।


इसके बाद अगला काम उसे ई-पास दिलवाना था क्योंकि वह दूसरे राज्य में जा रही थी।

नायब तहसीलदार मयूर शर्मा ने रिपोर्ट तैयार किए और आगे की मंजूरी के लिए जिले के कलेक्टर को भेज दिया। उन्होंने बताया, कहा, “रात होने के कारण मैंने सीधे एडीएम कृष्ण पाल सिंह चौहान को पूरी घटना के बारे में सूचित किया, फिर चेकपोस्ट से महिला का विवरण एकत्र किया और अपने मोबाइल से ई-पास की औपचारिकताएं पूरी कीं।”

आपातकालीन परिस्थितियों में प्रशासन ने पास जारी किया। एक बार पास की चुनौती हल हो जाने के बाद, उन्होंने उसके लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की।

पास का एक अस्पताल मदद के लिए आगे आया और बिना एक पैसा लिए अपने एम्बुलेंस की पेशकश की।

सूचना एवं जनसपंर्क मामले की सहायक निदेशक छाया चौबीसा ने कहा कि पूरा परिवार मंगलवार सुबह इस सीमा से प्रस्थान कर गया।

उन्होंने कहा, “डूंगरपुर जिला प्रशासन ने ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सभी इंतजाम किए हैं। अगर दूर स्थानों से पैदल आने के बाद प्रवासी यहां पहुंचते हैं, तो हमारे पास उनके लिए मिनी बस और परिवहन के अन्य साधन उपलब्ध हैं।”

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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