गुवाहाटी में कर्फ्यू में ढील, स्थिति में सुधार (लीड-1)

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 गुवाहाटी, 15 दिसंबर (आईएएनएस)| असम के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ के कुछ हिस्सों में धीरे-धीरे कानून व व्यवस्था की स्थिति में सुधार के बीच रविवार को लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू में ढील दी गई।

  ऐसा विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 के खिलाफ कई दिनों के हिंसक प्रदर्शन के बाद कर्फ्यू में ढील दी गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी में सुबह नौ बजे से शाम के 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि डिब्रूगढ़ के कुछ हिस्सों में भी सुबह से आठ घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है।


सबसे पहले शनिवार को गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ पश्चिम, नहरकटिया, तेनुघाट और कुछ अन्य स्थानों पर से सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू हटाया गया था।

गुवाहाटी के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थिति शनिवार से बेहतर है।

गुवाहाटी के संयुक्त पुलिस आयुक्त देबराज उपाध्याय ने आईएएनएस से फोन पर कहा, “स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। यह बीते रोज से बेहतर है। मेरा मानना है कि स्थिति में आगे और सुधार होगा।”


उपाध्याय ने कहा कि आगे किसी तरह की हिंसा नहीं हो इसके लिए बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया गया है।

उपाध्याय ने कहा, “काफी बल हैं और हम पहचान किए गए उपद्रवियों को पकड़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि गुरुवार व शनिवार के बीच 159 लोगों को उठाया गया।

उपाध्याय ने कहा, “उनमें से 43 को हिरासत में भेजा गया है और बाकी के 111 को छोड़ दिया गया।”

कर्फ्यू में ढील दिए जाने के बाद गुवाहाटी में दिसपुर, उजन बाजार, चांदमारी, सिल्पुखुरी और जू रोड में दुकानों के बाहर लंबी लाइन देखी गई।

वहीं सड़कों पर ऑटो रिक्शा और साइकिल रिक्शा भी दौड़ते नजर आए।

शहर में पेट्रोल पंप भी खुल गए हैं, जिससे वहां वाहनों की कतार लग गई।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस जनता को कर्फ्यू में ढील के बारे में सूचित करने के लिए लाउडस्पीकरका प्रयोग कर रही है।

नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद कानून बनने पर शहर के साथ-साथ असम के अन्य हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए।

यह अधिनियम 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश में सताए गए हिंदुओं, सिखों, पारसी, जैन व बौद्ध लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा।

अधिनियम के अनुसार, इन समुदायों को अवैध अप्रवासी नहीं माना जाएगा और इन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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