बिहार को लगा झटका: गया में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी बंद करेगी इंडियन आर्मी

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बिहार को लगा झटका: गया में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी बंद करेगी इंडियन आर्मी

भारतीय सेना बिहार के गया स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) बंद करेगी। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि क्षमता से कम इस्तेमाल की वजह से इसे जारी रखना संभव नहीं है। सैन्य अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय को भेजे प्रस्ताव में कहा गया कि ओटीए को बंद किया जाना चाहिए क्योंकि यह योजना के मुताबिक उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रहा है। अधिकारी के मुताबिक मंत्रालय ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

यह संस्थान 2011 से तकनीकी आधार पर प्रवेश योजना और विशेष कमीशन अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहा है। अब इन कैडट अधिकारियों को भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून में प्रशिक्षण दिया जाएगा। ओटीए गया, ओटीए चेन्नई और आईएमए देहरादून के बाद तीसरा कमीशन पूर्व प्रशिक्षण अकादमी है, जिसकी शुरुआत 2011 में हुई थी। मौजूदा समय में ओटीए गया में 250 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जबकि इसकी क्षमता 750 अधिकारियों की है।


800 एकड़ में फैला है गया ओटीए

करीब 800 एकड़ में फैले इस सेंटर में सेना के टेक्नीकल एंट्री स्कीम (TES) और स्पेशल कमीशनड ऑफिर्स (SCO) के अधिकारियों की प्री-कमीशनंड ट्रैनिंग यहां दी जाती है। टीईएस अधिकारी इंजीनियर बनकर सेना को अपनी सेवाएं देते हैं।

सिख लाइट रेजीमेंट को शिफ्ट करने का प्लान

ओटीए गया के बड़े कैंपस और बेसिक मिलिट्री-ट्रेनिंग की मूलभूत सुविधाओं को देखते हुए सेना ने अब यहां सिख लाइट रेजीमेंट को शिफ्ट करने का प्लान बनाया है। फतेहगढ़ में सिख लाइट के अलावा राजपूत रेजीमेंट का सेंटर भी है। माना जा रहा है कि ओटीए गया में सिख लाइट इंफेंट्री में भर्ती होने वाले जवानों की ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। ओटीए गया में संचालित टीईएस और एससीओ कोर्सेज़ को अब आईएमए देहरादून में शिफ्ट कर दिया जाएगा। आईएमए में पहले से ही रेगुलर-एनडीए कोर्स वाले कैडेट्स को प्री-कमीशन अधिकारी बनने की ट्रेनिंग दी जाती है।

बिहार के औरंगाबाद से सांसद ने संसद में बजट सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि ओटीए गया के बंद होने से स्थानीय अर्थव्यस्था को नुकसान पहुंचेगा।


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