ग़ज़लों को महफिलों और दरबारों से निकालकर घर-घर पहुँचाने का श्रेय अगर किसी को दिया जा सकता है तो वो हैं जगजीत सिंह। 8 फरवरी, 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे जगजीत सिंह ने अपनी गायकी से पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई। शायर और फिल्मकार गुलज़ार के सीरियल ‘मिर्जा गालिब’ से जगजीत सिंह ने बहुत नाम कमाया। न जाने कितनी ही पीढ़िया हैं जो जगजीत सिंह के गाये गज़लों में सुकून पाती रही हैं।
जगजीत सिंह को संगीत उनके पिता सरदार अमर सिंह धमानी से विरासत में मिला। बाद में वह 24 साल की उम्र में 1965 में मुंबई आ गए थे और दो साल बाद ही 1967 में उनकी मुलाकात गज़ल गायिका चित्रा से हुई और 1969 में दोनों विवाह बंधन में बंध गए।
उनकी पहली एलबम ‘द अनफॉरगेटेबल्स’ (1976) हिट रही। ‘झुकी झुकी सी नजर बेकरार है कि नहीं’, ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो’, ‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया’, ‘प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है’, ‘होश वालों को खबर क्या’, ‘कोई फरियाद’, ‘होठों से छू लो तुम’, ‘चिठ्ठी न कोई संदेश’ जैसी फ़िल्मी गजलें पेश कीं। जगजीत सिंह ने 150 से ज्यादा एलबम बनाईं। फ़िल्मों में गाने भी गाए, लेकिन गजल व नज्म के लिए उन्हें विशेष रूप से लोकप्रियता प्राप्त है। लता मंगेशकर के साथ सजदा उनकी विश्व प्रसिद्ध एल्बम हैं। 10 अक्टूबर, 2011 को समय ने जग को जीतने वाले इस जादूगर को हमसे छीन लिया। ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह आज हमारे बीच होते तो अपना 78 वां जन्मदिन मना रहे होते।
आइए उनकी सालगिरह पर जानते हैं उनसे जुड़ा एक रोचक किस्सा…
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