गाजियाबाद में बदमाशों की गोली से घायल पत्रकार का निधन, 10 लाख का मुआवजा और पत्नी को नौकरी देगी योगी सरकार

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गाजियाबाद में बदमाशों की गोली से घायल पत्रकार का निधन, 10 लाख का मुआवजा और पत्नी को नौकरी देगी योगी सरकार

गाजियाबाद (Ghaziabad) के विजय नगर में 20 जुलाई को अपने आवास के पास सशस्त्र हमलावरों के गोली के शिकार हुए पत्रकार विक्रम जोशी (Vikram Joshi) का बुधवार को निधन हो गया। पत्रकार पर तब हमला किया गया था जब वह सोमवार की रात अपनी दो बेटियों के साथ अपनी बहन के घर से लौट रहे थे। हमलावरों ने उनके आवास के पास ही उनके सिर में गोली मारी थी।

जोशी की देखरेख करने वाले एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि गोली लगने से पत्रकारों के सिर की नसें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं। उनका शहर के यशोदा अस्पताल में इलाज चल रहा था। अस्पताल में पत्रकार की हालत लगातार चिंताजनक बनी हुई थी, उन्हें आइसीयू में रखा गया था। पत्रकार विक्रम जोशी की मौत की खबर आते ही अस्पताल में बड़ी संख्या में परिजन व मीडियाकर्मी जुट गए। परिजनों ने आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल में हंगामा भी किया।


जोशी ने इसके पहले भतीजी के साथ छेड़छाड़ का विरोध किया था, और इस मामले में उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। ऐसा माना जा रहा है कि उन पर यह हमला उस शिकायत का नतीजा है जो उन्होंने 16 जुलाई को विजय नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। उन्होंने शिकायत की थी कि कुछ लोग उनकी भतीजी को परेशान कर रहे थे।

सीसीटीवी फुटेज में हमलावरों द्वारा उनके बाइक को रोकते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद बदमाशों ने उनके बाइक को घेर लिया और उनको वाहन से खींचकर मारना शुरू कर दिया। बदमाशों ने उनकी बेटियों के सामने ही कनपटी से तमंचा सटाकर गोली मार दी थी और फरार हो गए थे। हमलावरों द्वारा घेरे जाने के बाद और बाइक के गिरने के बाद विक्रम जोशी की दोनों बेटियों को भागते हुए देखा जा सकता है।

इसी बीच, स्थानीय बीट प्रभारी राघवेंद्र को त्वरित कार्रवाई नहीं करने और पीड़ित के परिवार द्वारा दायर शिकायत की अनदेखी करने को लेकर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और सीओ सिटी प्रथम राकेश मिश्रा को विभागीय जांच सौंपी गई है। मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

जोशी के भाई अनिकेत जोशी ने कहा कि, “कुछ दिन पहले कुछ लोग उनकी भतीजी को परेशान कर रहे थे और मेरे भाई ने इसका विरोध किया था और पुलिस शिकायत भी दर्ज की थी। मामला दर्ज भी किया गया था, इसी कारण उन बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी।’ पत्रकार के परिवार ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 16 जुलाई को जोशी और बदमाशों के बीच हाथापाई के बाद शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके परिवार के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, पत्नी को नौकरी और बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का निर्देश दिया है।


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