घुटना प्रत्यारोपण के लिए जागरूकता अभियान

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गाजियाबाद, 21 नवंबर (आईएएनएस)| नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल ने मंगलवार को घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के महत्व और फायदों से लोगों को अवगत कराने के लिए यहां एक जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान आम जनता को जोड़ों के पुराने दर्द, इसके कारण, रोकथाम, जल्दी निदान के महत्व, उपचार प्रक्रिया और पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के बारे में जानकारी दी गई। जेपी हॉस्पिटल के हड्डी एवं जोड़ प्रत्यारोपण विभाग के सहीयोगी निदेशक डॉ संजय गुप्ता ने कहा, “पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें घुटने के जोड़ को आर्टीफिशियल मटीरियल से बदल दिया जाता है। इस सर्जरी को ‘टोटल नी जॉइन्ट आर्थोप्लास्टी’ भी कहा जाता है।”

उन्होंने कहा, “इस सर्जरी में फीमर बोन के सिरे को निकाल कर इसकी जगह मैटल शैल लगाया जाता है। जब मरीज को दवाओं, थेरेपी या वॉकिंग सपोर्ट से आराम मिलना बंद हो जाए तो इस सर्जरी की सलाह दी जाती है। इससे न केवल मरीज को दर्द से छुटकारा मिलता है, बल्कि उसके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाती है।”


भारत में 60 साल से अधिक उम्र के लगभग 28.7 फीसदी लोग जोड़ों के दर्द से परेशान हैं। गतिहीन जीवनशैली, व्यायाम की कमी, खाने-पीने की गलत आदतें इसका मुख्य कारण हैं। इसके चलते यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की सफलता दर 90 फीसदी से भी अधिक होती है और सर्जरी के बाद रिप्लेसमेन्ट 10 से 15 साल तक चलता है।

डॉ. गुप्ता ने कहा, “घुटनों में चोट या आथ्र्राइटिस, विशेष रूप से ऑस्टियोआथ्र्राइटिस के कारण घुटनों में दर्द और सूजन आ जाती है। समय के साथ घुटनों के आस-पास के टिश्यूज खराब हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति के लिए रोजमर्रा के काम करना, यहां तक कि बैठना और चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी इसका समाधान है।”

 


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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