‘गोबर-धन योजना’ या ‘गैलेवनाइजिंग ऑर्गेनिक जैव-एग्रो संसाधन धन योजना’ वर्ष 2018 में शुरू की गई योजना है, जिसका उद्देश्य गोबर और खेतों के बेकार या इस्तेमाल में न आने वाले उत्पादों को कम्पोस्ट कर, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदलना है। वित्तीय मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018-19 में ‘गोबर-धन योजना’ की घोषणा की थी।
इस योजना के तहत कोशिश की जा रही है कि गांव को खुली शौच से मुक्त करा कर रहने लायक बनाया जाए। साथ ही इसका उद्देश्य ग्रामीण जीवन में सुधार करना है।
‘गोबर- धन योजना’ के उद्देश्य
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य गावों में कचरे का प्रबंधन कर गावों को स्वच्छ रखना है।
- बायो कचरे से पर्यावरण का बुरा प्रभाव कम करना।
- बायो गैस से ग्रामीण क्षेत्र के लोगो की आय में वृद्धि करना।
योजना के प्रभाव
इस योजना के अंतर्गत पर्यावरण और ग्रामीण क्षेत्रो में बहुत से अच्छे प्रभाव होंगे, जिनमें ऊर्जा, रोजगार और सशक्तिकरण शामिल है।
- ऊर्जा: इस योजना में बायो वेस्ट को बायो गैस में बदला जाएगा जिससे प्रदुषण कम होगा। जंगलो पर निर्भरता कम होगी और जंगल भी बचेंगे।
- सशक्तिकरण: घरो में बायोगैस उपयोग होने से घर के अंदर होने वाला प्रदुषण कम होगा।
- रोज़गार: ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं और सेमि स्किल तकनीकीशियनो को रोजगार प्राप्त होंगे इससे बायो वेस्ट को जमा करना, ट्रीटमेंट प्लांट का प्रबंधन आदि जैसे रोजगार उत्पन्न होंगे।
‘गोबर-धन योजना’ की मुख्य बातें
- भारत सरकार द्वारा की इस नई योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराना है, ताकि गांव में स्वच्छता रखी जा सके। साथ ही गांवों को बेहतर जगह बनाने की बात भी कही गई है।
- इस योजना में प्रावधान है कि पशुओं के अपशिष्टो को को एकत्रित करके उसे उपयोगी पदार्थो जैसे खाद, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा।
- इसकी शुरुआत स्वच्छ भारत मिशन के तहत की गई।
- इस योजना का फोकस वेस्ट से ऊर्जा उत्पन्न करना है।
- इस योजना के तहत पशुओं के अपशिष्टो को पयोगी जैविक खाद में बदला जाएगा, जिससे किसानों को खेतों के लिए खाद आराम से उपलब्ध हो जाएगी और उन्हें बाहर से खाद नहीं खरीदनी पड़ेगी।
- योजना के तहत गावों में स्वच्छ इंधन भी उपलब्ध होगा, जिससे पर्यावरण तो स्वच्छ रहेगा ही, साथ ही ग्रामीण औरतो को इंधन के लिए चूल्हा नहीं जलना पड़ेगा जिससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा।
- यह पहल गावों को स्वच्छ रखने के ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को पूरा करती है।
- इस योजना को लागू करते हुए 700 जिलों में और 350 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट लागू करने की बात कही गई थी।
- साथ ही इस योजना में हर एक ग्राम पंचायत में 150 घरो के लिए 7 लाख, 300 परिवारों के लिए 12 लाख रुपये, 500 परिवारों के लिए 15 लाख रुपये और 500 से ज्यादा परिवारों के लिए 20 लाख रुपये देने की बात कही गई। सरकार ने इस रकम को चुकता करने के लिए 60:40 का प्रमाण तय किया।
- ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत जिन गावों को फण्ड प्राप्त नहीं होता वह ‘गोबर धन योजना’ के तहत लाभ प्राप्त कर सकते है।