झारखंड: राजद कोटे से गोड्डा विधायक संजय प्रसाद यादव बनेंगे मंत्री, 5 दिसंबर को होगा कैबिनेट विस्तार

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गोड्डा विधायक संजय प्रसाद यादव

रांची: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार का बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार 5 दिसंबर को होने जा रहा है। इस मौके पर नए मंत्रियों को शामिल कर सरकार अपने अगले चरण की प्राथमिकताओं को दर्शाने का प्रयास करेगी। हालांकि, विभागों के बंटवारे को लेकर अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन राजद ने अपने कोटे से गोड्डा विधायक संजय प्रसाद यादव को मंत्री बनाए जाने की पुष्टि कर दी है।

राजद की तरफ से पहली पंक्ति में यादव

संजय प्रसाद यादव, जो राजद के कद्दावर नेता और लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं, गोड्डा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। यादव ने हाल ही में हुए चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अमित मंडल को हराकर यह सीट हासिल की थी। यह जीत झारखंड में भाजपा के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों में विपक्ष की मजबूत पकड़ को दर्शाती है।


राजद की ओर से यादव का मंत्री पद पर चयन, पार्टी के सहयोगी गठबंधन इंडी (INDIA) में उनके बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाता है। माना जा रहा है कि यादव को ग्रामीण विकास, खाद्य आपूर्ति, या श्रम जैसे महत्वपूर्ण विभागों में से किसी का प्रभार दिया जा सकता है।

कैबिनेट विस्तार: जेएमएम और सहयोगियों की भूमिका

हेमंत सोरेन सरकार के इस कैबिनेट विस्तार में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राजद जैसे घटक दलों के बीच संतुलन साधने की कोशिश की जा रही है। कुल 11 मंत्री शपथ लेंगे, जिसमें:

  • 6 मंत्री जेएमएम से होंगे,
  • 4 मंत्री कांग्रेस से,
  • और 1 मंत्री राजद से।

राजद के पास यह मौका झारखंड में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि राजद और अन्य सहयोगियों के बीच विभागों का आवंटन राज्य सरकार की नीतियों को दिशा देने में अहम भूमिका निभाएगा।


राजनीतिक संदेश और चुनौतियां

इस कैबिनेट विस्तार से सोरेन सरकार न केवल गठबंधन के भीतर संतुलन बनाए रखने की कोशिश करेगी, बल्कि राज्य की जनता को भी यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि सरकार सभी समुदायों और क्षेत्रों का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती है।

संजय यादव को मंत्री बनाए जाने से गोड्डा और संथाल परगना क्षेत्र में राजद की पकड़ मजबूत हो सकती है। यह क्षेत्र झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है।

आगे की राह

कैबिनेट विस्तार के बाद, हेमंत सोरेन सरकार को अपने मंत्रियों से तेज और प्रभावी प्रदर्शन की उम्मीद होगी। राज्य के विकास, रोजगार, और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता जैसे मुद्दों पर सरकार के पास जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती है।

झारखंड में यह कैबिनेट विस्तार न केवल राज्य के राजनीतिक संतुलन को नया रूप देगा, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले सरकार की प्राथमिकताओं का संकेत भी देगा। 5 दिसंबर को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

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