दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जल्द ही दिल्ली की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने जा रहा है और साथ ही साथ मालिकाना हक भी देगा। ऐसा बताया जा रहा है कि इस कड़ी के पहले चरण में 400 कॉलोनियों को शामिल किए जाने की योजना है।
बता दें कि इन कॉलोनियों का पुनर्विकास भी किया जाएगा जिसके लिए विकास मानक भी तैयार कराए जा रहे हैं, जो जल्द ही अधिसूचित कर दिए जाएंगे। अनधिकृत कॉलोनियों को मालिकाना हक दिलाने और इसका नियमितिकरण करने की कोशिश दशकों से की जा रही थी परंतु सियासी कारणों के चलते इसकी शुरुआत गत वर्ष 16 दिसंबर से हो पाई।
बता दें कि कॉलोनियों में मौजूद संपत्तियों की जिस्ट्री भी हो रही है और अब उन पर बैंक से उधार भी मिल सकेगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण अधिकारियों की मानें तो दिल्ली में कई सौ अनधिकृत कॉलोनियां ऐसी हैं थोड़े से प्रयासों भी विकास मानकों की कसौटी पर खरा उतरने के काबिल हैं।
बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से इन कॉलोनियों के लिए जो विकास मानक तय किए जा रहे हैं, उनमें कुछ रियायत भी दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर अगर किसी सामान्य कॉलोनी में 18 मीटर की सड़क होनी चाहिए तो इन कॉलोनियों में यह मानक 13 से 14 मीटर का रखा जा सकता है।
कॉलोनियों में अधूरे बचे कामों को पुनर्विकास के जरिए पूरा किया जाएगा। अधिकारियों की मानें तो इन कॉलोनियों के विकास मानकों का मसौदा अपने अंतिम चरण में हैं। जल्द से जल्द उन्हें अधिसूचित करने कि कोशिश की जा रही है। इसके बाद पहले चरण का काम शुरू हो जाएगा जिसमें करीब 400 कॉलोनियों का पुनर्विकास कर उन्हें नियमित करने का काम होगा।
अगले चरण में कॉलोनियों के निवासियों के सहयोग से उनके पुनर्विकास का खाका भी तैयार कर लिया जाएगा। डीडीए के उपाध्यक्ष अनुराग जैन का कहना है कि दिल्ली को बेहतर ढंग से संवारने के लिए अनधिकृत कॉलोनियां का पुनर्विकास भी जरूरी है। इनके विकास मानक जल्द तैयार हो जाएंगे। हमें उम्मीद है कि कई सौ कॉलोनियां आसानी से नियमित हो जाएंगी।