आज से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में डीजल, पेट्रोल और मिट्टी का तेल से चलने वाले जेनरेटर्स पर प्रतिबंध लगने जा रहा है। यह प्रतिबंध ग्रेडेड रेस्पांस ऐक्शन प्लान (GRAP) के तहत लगने जा रहा है।
यह प्रतिबंध राजधानी दिल्ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में 15 मार्च तक रहेगा। तब तक के लिए सीएनजी, पीएनजी और बिजली से चलने वाले जेनरेटर्स को छूट दी गई है।
सरकार के इस आदेश के बाद से एक खास तबके की टेंशन बढ़ गई है। ये वो लोग हैं जो इस वक्त वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं या छोटा मोटा शोरूम चलाते हैं। इनके यहां नए प्रदूषण मानकों वाले जेनरेटर नहीं हैं। कई सोसायटीज में भी अभी तक पुराने जेनरेटर ही इस्तेमाल हो रहे हैं।
इन लोगों के लिए बिजली कटने पर खासा परेशानी हो जाएगी। क्योंकि जेनरेटर रहने पर हमेशा पावर बैकअप रहता था। कभी इन्वर्टर की जरूरत भी पड़ी नहीं। अब बैकअप नहीं है तो या तो नया इन्वर्टर खरीदना पड़ेगा या बिजली जाने की हालत में काम का नुकसान उठाना पड़ेगा।
यह व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2017 में लागू की गई थी। दिल्ली एनसीआर में इसकी मॉनिटरिंग ईपीसीए करती है।
सिर्फ यहां चल सकेंगे पुराने जेनरेटर्स
सोसायटी में रहने वाले लोगों की चिंता है कि अगर लाइट चली गई और जेनरेटर नहीं चला तो बड़ी दिक्कत हो सकती है। अभी ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे, उनकी व्यवस्था गड़बड़ हो जाएगी। व्यापारियों की चिंता ये है कि नवरात्र करीब हैं।
बाजार में रौनक आने की उम्मीद है लेकिन कुछ व्यापार ऐसे हैं जिसमें बराबर बिजली की जरूरत पड़ती है। अगर थोड़ी देर के लिए भी लाइट गई तो दिक्कत आ जाएगी। RWA पदाधिकारियों का कहना है कि अगर लाइट गई तो सोसायटी में लिफ्ट बंद हो जाएगी।
वीरभान शर्मा, प्रधान, IMT इंडस्ट्रीज असोसिएशन का कहना है कि, बिना किसी तैयारी के पाबंदी लगाने से केवल इंडस्ट्रीज का ही नहीं, बल्कि एम्प्लॉइज के साथ-साथ देश का भी काफी नुकसान होगा। देश में आर्थिक मंदी के चलते ही अनलॉक का फैसला लेना पड़ा। सरकार पहले 24 घंटे बिजली की सप्लाई सुनिश्चित करे, उसके बाद ही पाबंदी लगाई जाए।