Guru Purnima 2019: क्यों मनाई जाती है ‘गुरु पूर्णिमा’? जानें इसका महत्व और चंद्र ग्रहण से इसका संबंध

  • Follow Newsd Hindi On  
Guru Purnima 2019: क्यों मनाई जाती है 'गुरु पूर्णिमा'? जानें इसका महत्व और चंद्र ग्रहण से इसका संबंध

गुरु का दर्जा बहुत बड़ा होता है धर्म में भी गुरु और ईश्वर को एक समान माना गया है। गुरु में भगवान की छवि देखी जाती है, क्योंकि वे ही जीवन का असली मतलब, इसे जीने के गुण आदि बताते हैं। गुरु के इसी महत्व को देखते हुए हर वर्ष ‘गुरु पूर्णिमा’ (Guru Purnima) मनाई जाती है। इस साल यह 16 जुलाई को मनाई जाएगी।

Guru Purnima 2019: ‘गुरु’ शब्द में छिपा है अंधकार और प्रकाश, जानें क्या है इसका अर्थ


महर्षि वेद व्यास जी के जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि इंसान शांति और मोक्ष की प्राप्ति तब कर पाता है, जब वह अपने गुरु के सिखाये हुए रास्ते पर चलता है। महान संत और कवि कबीरदास ने भी गुरु की महिमा को भगवान से ऊपर बताया।

कब और क्यों मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा?

गुरु पूर्णिमा को महार्षि वेद व्यास जी के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। महार्षि वेद व्यास कई वेदों और पुराणों के रचयिता थे। हर वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में मनाया जाता है। इस बार 16 जुलाई को यह पर्व मनाया जाएगा। भारत में प्राचीनकाल से ही गुरुओं का काफी महत्व रहा है। शिष्य अपने गुरु के साथ ही गुरुकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण किया करते थे। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु की पूजा करते थे।

यह भी पढ़ें: Lunar eclipse 2019: 149 सालों बाद गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण, जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व


गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु पूर्णिमा का पर्व अपने गुरु के प्रति श्रद्धाभाव व्यक्त करने का एक अवसर है। इस दिन भगवान के बराबर दर्जा रखने वाले गुरु के महत्व को समझ कर उनका आदर किया जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन वस्त्र, फल, फूल और अर्पण कर गुरु को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। विद्यार्थियों के लिए यह दिन काफी कल्याणकारी माना जाता है। इसके अलावा ये दिन गुरु का ही नहीं बल्कि माता-पिता और भाई बहन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जीवन में कोई भी पाठ पढ़ा सकता है। इस तरह से हमे किसी भी प्रकार की शिक्षा देने वाला व्यक्ति हमारा गुरु होता है। इसलिए इस दिन सभी गुरुओं का आदर करना चाहिए।

चंद्र ग्रहण और गुरु पूर्णिमा

16 जुलाई 2019 को गुरु पूर्णिमा है। 16 और 17 जुलाई को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। 149 सालों बाद गुरु पूर्णिमा के अवसर पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत समेत यूरोप अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी एवं दक्षिण पूर्व अमेरिका प्रशांत एवं हिंद महासागर से नजर आएगा।

149 सालों बाद गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण, जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व

इस वर्ष का यह आखिरी चंद्र ग्रहण काफी अहम है, क्योंकि 149 साल बाद गुरु पूर्णिमा के दिन ग्रहण लग रहा है। पिछली बार 12 जुलाई 1870 को गुरु पूर्णिमा के ही दिन ऐसा चंद्र ग्रहण लगा था, जिसका राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ा था। ज्योतिषों की मानें तो उस ग्रहण के दौरान चंद्रमा शनि, राहु और केतु के साथ धनु राशि में था। इस बार भी ऐसा ही कुछ होने जा रहा है। ज्योतिष विद्या के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण का विभिन्न राशियों पर अलग- अलग प्रभाव पड़ेगा।

 Lunar Eclipse 2019: 16 जुलाई को है इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानिए पुराणों में क्या है इसका महत्व

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)