Guru Ravidas Jayanti 2021 Date: भक्तिकालीन संत (Devout saint) व कवि रविदास का जीवन व उनकी शिक्षाएं अत्यंत प्रेरक हैं। वे महान आध्यात्मिक समाज सुधारक थे। उन्होंने कहा, मनोवांक्षित जन्म किसी के वश की बात नहीं है। जन्म ईश्वर के हाथ में है। सभी ईश्वर की संतान हैं अत: जन्म के आधार पर भेदभाव करना ईश्वर की व्यवस्था को नकारने जैसा है।
संत रविदास जयंती 27 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी। मध्यकालीन भारतीय संत परंपरा में संत रविदास जी का विशिष्ट स्थान है। संत रविदास जी को संत रैदास और भगत रविदास जी के नाम से भी संबोधित किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, गुरु रविदास जी का जन्म वर्ष 1398 में माघ महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था। हालांकि उनके जन्म को लेकर कई विद्वानों का मत है कि 1482 से 1527 ईस्वी के बीच उनका जन्म हुआ था।
कहा जाता है कि जिस दिन उनका जन्म हुआ, उस दिन रविवार था, इसलिए उनका नाम रविदास पड़ गया। गुरु रविदास जी का जन्म चर्मकार कुल में हुआ था। यूं तो हर वर्ग की निष्ठा गुरु रविदास जी के साथ जुड़ी हुई है, लेकिन इनके अनुयायियों में चर्मकार एवं सिख समुदाय की संख्या ज्यादा होती है।
वर्ष 2021 में रविदास जयंती
वर्ष 2021 में माघ पूर्णिमा 27 फरवरी, शुक्रवार को है। अतः इस वर्ष गुरु रविदास जयंती 27 फरवरी को ही, खूब धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। इस दौरान जयंती का समय अर्थात पूर्णिमा का समय 26 फरवरी, 15:51 से लेकर। 27 फरवरी 13: 458 तक है।
गुरु रविदास जी का जन्मस्थान
गुरु रविदास जी का जन्मस्थान, यूपी के काशी में हुआ था। माघ पूर्णिमा के दिन उनके जन्मस्थान पर, दुनियाभर से लाखों की संख्या में उनके भक्त व अनुयायी काशी पहुंचते हैं। यहां पर भव्य उत्सव मनाया जाता है।
सिख धर्म के अनुयायी भी बड़ी श्रद्धा भावना से, गुरु रविदास जयंती पर गुरुद्वारों में आयोजित करते हैं। इस अवसर पर पूर्णिमा से दो दिन पूर्व, गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ रखा जाता है, और उस पाठ की समाप्ति पूर्णिमा के दिन होती है. इसके पश्चात कीर्तन दरबार होता है, जिसमें रागी जत्था गुरु रविदास जी की वाणियों का गायन करते हैं।