मुस्लिम ऑटो ड्राइवर ने पेश की इंसानियत की मिसाल, प्रेग्नेंट हिंदू महिला को कर्फ्यू तोड़कर पहुंचाया अस्पताल

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कहते है इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है और इसी बात को प्रमाणित किया है असम के हैलाकांडी के एक मुस्लिम ऑटो रिक्शा वाले ने। असम में लगे कर्फ्यू के बीच साम्प्रदायिक एकता का एक अनोखा उदाहरण देखने को मिला। जहां एक मुस्लिम ऑटो रिक्शा वाले ने कर्फ्यू तोड़ते हुए प्रसव पीड़ा झेल रही हिंदू महिला को अस्पताल पहुंचाया। हैलाकांडी में दो दिन पहले हुई हिंसा के चलते कर्फ्यू लगा है। जिला पुलिस अधीक्षक मोहनेश मिश्रा के साथ हैलाकांडी उपायुक्त कीर्ति जल्ली महिला नंदिता और उसके पति रूबन दास के घर पहुंची और कहा, ‘हमें हिंदू-मुस्लिम एकता के ऐसे और उदाहरणों की आवश्यकता है’।

क्या है पूरा मामला

प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद रूबन को नंदिता को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की जरूरत थी। कहीं से भी कोई मदद ना मिलने पर रूबन के पड़ोसी मकबूल मदद के लिए सामने आए और कर्फ्यू की परवाह किए बिना नंदिता को सही समय पर अस्पताल पहुंचाया। जहां महिला ने एक बेटे को जन्म दिया। बच्चे का नाम ‘शांति’ रखा गया है।


गौरलतब है कि शुक्रवार को हुई साम्प्रदायिक हिंसा में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 15 अन्य घायल हुए थे। वहीं 15 वाहन और 12 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई थी।

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