कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच सऊदी अरब (Saudi Arabia) में इस साल हज यात्रा (Hajj Yatra) पर दुनियाभर से आने वाले लोगों पर पाबंदी होगी। इस बार केवल सऊदी में रहने वाले लोग ही यात्रा कर सकेंगे। सऊदी अरब ने कहा है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के मद्देनजर इस साल सीमित संख्या में लोगों को हज यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा दूसरे देशों के लोगों को इस बार हज के लिए सऊदी जाने की इजाजत नहीं होगी।
हज के लिए 20 लाख लोगों के आने का अनुमान था
सऊदी अरब ने अपनी स्थापना के 90 साल के अंदर कभी भी हज यात्रा को रद्द नहीं किया है। सऊदी अरब के शाह का परिवार कई पीढ़ियों से मक्का में आयोजित होने वाली हज यात्रा का संरक्षक है। आमतौर पर दुनियाभर से हर साल हज यात्रा पर 20 लाख लोग शामिल होते हैं। इससे पहले ऐसी अटकलें चल रही थीं कि इस साल सऊदी अरब हज यात्रा को मंजूरी देगा या प्रतीक के तौर पर बहुत कम लोग हज करेंगे।
मुस्लिम समुदाय में हज यात्रा को बहुत अहम माना जाता है। हज मामलों के मंत्री मोहम्मद सालेह बंतेन ने अप्रैल में ही कहा था कि हज यात्री टिकट बुकिंग को लेकर जल्दबाजी न करें। फरवरी में उमरा (हज जैसा ही एक आयोजन) को भी बंद कर दिया गया था।
लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा
सऊदी अरब में अब तक संक्रमण के 1.61 लाख मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1.05 लाख से ज्यादा ठीक हो चुके हैं। वहीं, 1307 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले हफ्ते ही यहां लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी गई है। सऊदी के हज मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला बढ़ती महामारी और होने वाली भीड़ को देखते हुए किया गया है, ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके। जो लोग यात्रा करेंगे, उनकी पूरी सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।
हजयात्रियों का पैसा लौटाएगी सरकार
सऊदी सरकार के इस फैसले के बाद भारत 2.3 लाख जायरीनों का पूरा पैसा उनके अकाउंट में वापस करेगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा, ‘‘महामारी के कारण इस साल भारतीय नागरिकों को हज पर नहीं भेजने का फैसला किया गया है। सोमवार रात सऊदी अरब सरकार में हज मंत्री डॉक्टर मोहम्मद सालेह बिन ताहेर बेंतेन ने फोन कर इसकी जानकारी दी। साथ ही इस बार भारत से हज यात्रियों को नहीं भेजने का सुझाव दिया।’’
उन्होंने कहा कि इस साल हज पर जाने के लिए चयनित सभी 2.13 लाख लोगों के पैसे वापस किए जाएंगे। भारतीय हज कमेटी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि जो हज पर नहीं जाना चाहते हैं, वे अपने पैसे वापस ले सकते हैं।
हज में भारत का कोटा 2 लाख
बता दें कि भारत से हर साल हज के लिए 2 लाख भारतीय जा सकते हैं। इससे पहले 2018 में भारत का कोटा 1.70 से बढ़ाकर 1.75 लाख किया गया था। इंडोनेशिया के बाद भारत का कोटा सबसे ज्यादा है। पिछले साल भारत से बिना सब्सिडी के रिकॉर्ड दो लाख लोगों ने हज यात्रा की थी। इस साल हज यात्रा के लिए अक्टूबर 2019 से दिसंबर तक आवेदन मांगे गए थे।