बजरंगबली को समर्पित है हनुमान जयंती, जाने किन मंत्रों का करें जाप

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बजरंगबली को समर्पित है हनुमान जयंती, जाने किन मंत्रों का करें जाप

इस महीने इस महीने 19 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी, जिसका हिन्दू मान्यता में एक अलग ही महत्त्व है। हनुमान जयंती को बजरंगबली के जन्म दिवस के रूप में मानते हैं। हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा के माह में मनाई जाती है। हिन्दू मान्यता में चैत्र पूर्णिमा के माह का बहुत महत्त्व है, क्योंकि इस माह हनुमान जयंती के अलावा देवी दुर्गा का पर्व नवरात्रि और राम को समर्पित पर्व रामनवमी भी मनाये जाते हैं।

भक्ति, जादुई शक्तियों और ऊर्जा के प्रतीक के रूप में पूजे जाने वाले हनुमान जी की जयंती के पर्व को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भक्तों की लम्बी कतार होती हैं। मान्यता है  कि इस दिन मंदिर में लाल चोला चढ़ाने पर लाभ होता है और हनुमान चालीसा पढ़ने पर हैं बुरी आत्माओं पर विजय और मन को शांति प्राप्त होती है।  भक्‍त सुबह-सुबह हनुमान मंदिरों में जाकर हनुमान मूर्ति के माथे पर लाल तिलक (सिंदूर) लगाते हैं और हनुमान चालीसा पढ़ते हैं। फिर लड्डू का प्रसाद चढ़ाते हैं और मंत्र तथा आरती गीत गाकर आरती करते हैं।


हर पर्व को मानाने के पीछे एक मान्यता और उस पर्व का महत्त्व होता है। इसी तरह हनुमान जयंती का भी एक अलग महत्त्व है।

भगवान हनुमान को हिंदू धर्म में एक दिव्य प्राणी के रूप में पूजा जाता है।इसका महत्‍व ब्रह्मचारियों के लिए बहुत अधिक है। भगवान हनुमान अपने भक्तों के बीच कई नाम से पुकारे जाते हैं, जैसे बजरंगबली, पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, बालीबिमा, मरुत्सुता, अंजनीसुत, संकट मोचन, अंजनेय, मारुति, रुद्र आदि।  अपना जीवन काल भगवान राम और माता सीता के लिए समर्पित करने वाले भगवन हनुमान को महावीर हनुमान को महाकाल शिव का 11वां रुद्रावतार माना गया है।

हनुमान के जन्‍म की कथा

समुद्रमंथन के पश्चात शिव जी ने भगवान विष्णु का मोहिनी रूप देखने की इच्छा प्रकट की। उन्‍होंने देवताओं और असुरों को अपना यह रूप दिखाया था। उनका वह आकर्षक रूप देखकर वह कामातुर हो गए। और उन्होंने अपना वीर्यपात कर दिया। वायुदेव ने शिव जी के बीज को वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया। और इस तरह अंजना के गर्भ से वानर रूप हनुमान का जन्म हुआ। उन्हें शिव का 11 वाँ रूद्र अवतार माना गया।

हनुमान चालीसा पर किन मंत्रों का करें जाप

भय नाश करने के लिए हनुमान मंत्र है- ॐ हं हनुमते नम:।। वहीं, सर्व बाधाओं से मुक्ति हेतु! द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र है- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।। वहीं, मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए मंत्र है- महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।। शत्रुओं और रोगों पर विजय पाने के लिए- ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।। संकट दूर करने का हनुमान मंत्र : ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।


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