हरियाणा सरकार ने अपना पुराना आदेश लिया वापस, अब फीस न जमा कराने पर स्कूल काट सकेगा बच्चे का नाम

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Central government took this decision regarding opening of school and college

Haryana Private Schools: हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया है जिसके तहत निजी स्कूलों में अभिभावकों की तरफ से फीस जमा न कराने पर न तो बच्चे का नाम काटा जा सकता था और न ही उसे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित किया जा सकता था।

जिला शिक्षा अधिकारी धनपत राम ने आज ने आज इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि निजी स्कूल नियमानुसार स्कूल फीस (School Fee) न जमा कराये जाने पर बच्चों के नाम काट भी सकते हैं और साथ ही उन्हें ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) से वंचित भी कर सकते हैं।


कोविड-19 (Covid-19) महामारी फैलने व उसके कारण 25 मार्च से किये देशव्यापी लॉकडाऊन (Lockdown) के कारण आय में गिरावट होने या इसके लगभग खत्म हो जाने के कारण कई अभिभावक बच्चों के स्कूल (School) की फीस भरने में असमर्थता भी जाहिर कर चुके हैं।

स्कूली शिक्षा विभाग (Education Department) ने अपने एक जून के आदेश में बिन्दु 9 के अन्तर्गत कहा था कि स्कूल की फीस न जमा कराने वाले बच्चों के न तो नाम काटे जा सकते हैं और न ही उन्हें ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) से वंचित किया जा सकता है।

जबकि नौ जून को शिक्षा विभाग (Education Department) ने एक आदेश जारी किया जिसमें बिन्दु 9 को समाप्त कर दिया गया है।  आज स्कूलों (Schools) का प्रतिनिधित्व करते हुए डीएस राणा व आरएस सिंधू आदि जिला शिक्षा अधिकारी(District Education Officer) से मिले थे।


इसके साथ ही उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) धनपत राम से इन दोनों पत्रों का हवाला देते हुए नवीनतम स्थिति के बारे में पूछा तो उन्होंने पुष्टि की कि शिक्षा विभाग के बाद वाले पत्र के अनुसार फीस (Fee) न देने पर कार्रवाई की जा सकती है।

लॉकडाउन (Lockdown) के बीच हरियाणा सरकार ने महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए प्राइवेट स्कूल को केवल प्रति माह ट्यूशन फीस लेने के निर्देश दिए थे और साथ ही सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा था कि प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा किसी भी प्रकार की कोई फीस नहीं ले सकते हैं।

 

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