कई बार ऐसा होता है कि अचानक वोल्टेज बढ़ने या घटने से लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण खराब हो जाते है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने ऐसा इलेक्ट्रानिक सर्किट तैयार किया है, जिसकी मदद से वोल्टेज कम होने या बढ़ने का फर्क इलेक्ट्रानिक उपकरण पर नहीं पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक यह रोजमर्रा के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की उम्र बढ़ाने और लंबे समय तक गुणवत्ता बनाए रखने में सहायक होगा। हाल ही में आईईईई ओपन जर्नल ऑफ सर्किट्स एंड सिस्टम्स में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के वित्त पोषण से किए जा रहे इस शोध कार्य के परिणाम प्रकाशित किए गए।
इस शोध में आईआईटी मंडी के कंप्यूटिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग स्कूल के एसोसिएट प्रो डॉ. हितेश श्रीमाली और उनके शोध विद्वान विजेंद्र कुमार शर्मा के साथ आईआईटी जोधपुर के डॉ. जय नारायण त्रिपाठी ने अहम भूमिका निभाई है। वैज्ञानिकों की मानें तो बिजली के फ्लक्चुएशन में भी उपकरणों के कंपोनेंट अधिक सुरक्षित रहें, इसके लिए मिश्रित इलेक्ट्रॉनिक सर्किटरी के सूक्ष्म पार्ट्स के डिजाइन तैयार किए हैं, जिससे सर्किट डिवाइस की स्पीड, पावर, गेन, डिस्टार्शन के स्तर आदि तमाम पहलुओं को देखते हुए विशिष्टताओं को अनुकूलन किया जा सके।
वैज्ञानिकों की मानें तो शोध टीम ने इस विधि के विकास के बाद कॉन्सेप्ट के सत्यापन के लिए एनालॉग और डिजिटल ब्लॉक के आउटपुट स्टेज के दो उदाहरणों का उपयोग किया है। यह 1.8 वोल्ड सप्लाई और समान ज्यामितीय क्षेत्र के साथ स्टैंडर्ड 180 नैनोमीटर प्रौद्योगिकी में किया गया है। उनके इस नए मॉडलों ने निरीक्षण विधि और उद्योग मानक के स्पाइस टूल्स का उपयोग कर सभी उदाहरणों के लिए अधिकतम औसत 3 प्रतिशत प्रतिशत त्रुटि (एमपीई) का प्रदर्शन किया जो इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट के डिजाइन करने के इस दृष्टिकोण के मजबूत होने की पुष्टि करता है। बिजली आपूर्ति अचानक कम और ज्यादा (फ्लक्चुएट) होने से इन कंपोनेंट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।