Hindu Rao Hospital: अब तक जारी है विरोध, आज भूख हड़ताल पर बैठेंगे डॉक्टर्स

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Hindu Rao Hospital: अब तक जारी है विरोध, आज भूख हड़ताल पर बैठेंगे डॉक्टर्स

बीते कई दिनों से दिल्ली (Delhi) के हिंदू राव, कस्तूरबा गांधी अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल के डॉक्टर्स नाराज चल रहे हैं। इसका कारण है वेतन न मिलना। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को भी जारी रही। बता दें कि तीनों अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने बुधवार को हिंदू राव में एकत्रित होकर विरोध मार्च निकाला था। इनका कहना है कि हमें तीन महीनों का वेतन नहीं मिला है, मरीजों को भी परेशानी हो रही है लेकिन उत्तरी निगम किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है।

हिंदू राव की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अभिमन्यु सरदाना ने बताया कि, तीनों अस्पतालों के डॉक्टर गुरुवार को सुबह जंतर मंतर पर विरोध मार्च निकालेंगे। इसके बाद उनके कुछ साथी अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे।


वहीं डॉक्टर अंकिता सिंह तोमर ने कहा कि, वेतन न मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है। कोई अपने दोस्तों से उधार मांगकर किराया दे रहा है तो किसी ने अपनी ईएमआई तक नहीं भरी है। वो आगे कहती हैं, कोरोना काल में लगातार दो महीने तक उन्होंने काम किया है लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ऐसा व्यवहार होगा, यह नहीं सोचा था।

इसपर डॉक्टर सिद्धार्थ ने का कहना है कि, तीन महीने का वेतन बकाया होने से उनके त्योहार काले होने वाले हैं। कई लोगों ने तो एक महीने का वेतन उधारी चुकाने में ही खत्म कर दिया। अस्पताल के डॉक्टर पीयूष पुष्कर ने कहा कि, पिछले कई महीनों का वेतन न मिलने की वजह से उनका रहना मुश्किल हो रहा है। कुछ डॉक्टरों को दवा गोली के लिए भी पैसे उधार मांगकर काम चलाना पड़ रहा है।

अभी तक अस्पताल में मरीजों के लिए सामान्य सेवाएं शुरू नहीं हो सकीं हैं। इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना की वजह से राजधानी दिल्ली में पहले से ही आम मरीज इलाज को लेकर परेशान चल रहे हैं ऐसे में हफ्तेभर से 960 बेड का बड़ा अस्पताल हिंदू राव की चिकित्सीय सेवाएं ठप होने से भी सामान्य मरीजों पर असर पड़ रहा है।


कुछ गर्भवती महिलाएं भी हैं जिनका इलाज अस्पताल में ही हो रहा था। इन सब के कारण उन्हें अपनी डिलवरी की चिंता भी सता रही है। एक 23 वर्षीय महिला ने बताया कि वह 8 महीने की गर्भवती हैं। कुछ सप्ताह में उन्हें डिलवरी करानी हैं लेकिन हड़ताल की वजह से अस्पताल में उनका फॉलो अप भी नहीं हो पा रहा है।

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