UP: हिरासत में पिता की पीट-पीटकर हुई हत्या, बेटे ने बयां की जुल्म की कहानी

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हापुड़ | हाल ही में हापुड़ जिले में पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मारे गए सुरक्षाकर्मी (सिक्योरिटी गार्ड) प्रदीप तोमर के 10 वर्षीय बेटे ने अपने पिता के साथ पुलिस थाने में हुई बर्बरता की कहानी अपने परिवार को सुनाई थी। बच्चे ने यही कहानी स्थानीय पत्रकारों के सामने भी दोहराई। बच्चे ने कहा, “10 से अधिक पुलिसकर्मी मेरे पिता की पिटाई कर रहे थे। उन्होंने उन्हें बिजली के झटके दिए और पेंचकस भी घोंपा। पुलिसकर्मी शराब भी पी रहे थे और उन्होंने दर्द में कराह रहे मेरे पिता को पानी देने से मना कर दिया। मुझे चिप्स का एक पैकेट दिया गया और बंदूक की नोक पर चुप रहने को कहा गया।”

उत्तर प्रदेश के जिले हापुड़ के पुलिस स्टेशन में 13 अक्टूबर को 35 वर्षीय गार्ड प्रदीप तोमर को बेरहमी से पीटा गया जिसके बाद उनकी मौत हो गई।


मामले में पिलखुआ पुलिस स्टेशन के एसएचओ सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

तोमर के परिवार ने दावा किया कि पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद उन्हें पांच घंटे से अधिक समय तक प्रताड़ित किया गया। उन्होंने अब मांग की है कि पुलिस कर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए।

परिवार के सदस्यों के अनुसार, तोमर को हत्या के एक मामले में पूछताछ के लिए छिजारसी चौकी पर बुलाया गया था। उन्हें बताया गया था कि उनका भाई हत्या में शामिल था।


तोमर अपने 10 साल के बेटे के साथ चौकी पर गए थे। उनके बेटे के सामने उन्हें यातनाएं दी गईं जिसे बेटे ने सभी को बताया।

तोमर की हालत बिगड़ने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें हापुड़ के नजदीकी स्थानीय अस्पताल और बाद में मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

बाद में वायरल हुए एक वीडियो में तोमर के रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों द्वारा उनके शरीर पर चोटों के निशान को दिखाते हुए देखा गया।

अतिरिक्त महानिदेशक (मेरठ जोन) प्रशांत कुमार ने कहा, “परिवार के आरोपों के आधार पर तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मेरठ में डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया गया है। इसके बाद आवश्यक कार्रवाई होगी।”

जिन तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, उनमें पिलखुआ के एसएचओ योगेश बालियान, उप-निरीक्षक अजब सिंह और कांस्टेबल मनीष कुमार शामिल हैं।

हापुड़ पुलिस के मुताबिक, गाजियाबाद की एक निजी फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी करने वाले तोमर को पूछताछ के लिए उठाया गया था। उन पर हत्या के एक मामले में शामिल होने का संदेह था।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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