हनीट्रैप कांड की मास्टरमांइड जबरन वसूली की रकम से चलाती थी कंपनियां (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

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भोपाल, 28 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश हनीट्रैप कांड की जांच में सामने आए तथ्यों से पता चला है कि अमीरजादों से करोड़ों रुपये ऐंठने का यह गोरखधंधा दो महिलाओं के इर्द-गिर्द घूम रहा है। इन महिलाओं ने राज्य में शक्तिशाली नौकरशाहों और राजनेताओं को अपने चंगुल में फंसाकर ब्लैकमेल किया और उससे कमाए गए रुपयों से कई कंपनियां व रियल्टी फर्म शुरू की। हनीट्रैप गिरोह की प्रमुख श्वेता जैन ने नौकरशाहों, मंत्रियों और विधायकों से निकलवाए गए रुपयों को कॉर्पोरेट शैली का कारोबार चलाने के लिए इस साल छह महीने की छोटी सी अवधि में दो निजी कंपनियों में डाला। इनमें से एक कंपनी की निदेशक आरती दयाल है, जिसने कॉलेज जाने वाली लड़कियों को वीआईपी लोगों के बिस्तर तक जाने के लिए मजबूर किया। कंपनी की प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी खुद श्वेता जैन संभालती है।

यह देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल में से एक माना जा रहा है। इस मामले की जांच कर रही मध्यप्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने खुलासा किया है कि इस साल 19 जनवरी को श्वेता ने एक रियल एस्टेट और निर्माण कंपनी दीप्तिमंथम एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड में बड़ी निर्माण परियोजनाओं के लिए भारी रकम लगाई। इस काम में उसे कुछ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएएस) अधिकारियों का संरक्षण भी प्राप्त था।


इसके छह महीने बाद ही 26 जुलाई को उसने सॉफ्टवेयर और कंप्यूटर हार्डवेयर से संबंधित कॉन्ट्रैक्ट के लिए एक और कंपनी लॉन्च की। यह कंपनी मिंगो टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड है जो जे-394 न्यू मीनल रेजिडेंसी, जेके रोड, भोपाल में पंजीकृत है। यह वही जगह है, जहां श्वेता ने कई आईएएस अधिकारियों और मप्र सरकार के मंत्रियों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में वीडियो शूट किए थे। इस तकनीकी कंपनी में भी आरती को निदेशक नियुक्त किया गया और श्वेता प्रबंध निदेशक बन गई।

इसके अलावा श्वेता ने भोपाल में एक इलेक्ट्रिक और थर्मल इंसुलेशन उत्पाद निर्माण इकाई का स्वामित्व भी हासिल किया। इलेक्ट्रिक और थर्मल उत्पाद इकाई अप्रैल 2015 में शुरू की गई थी।

उसकी नजर मध्य प्रदेश सरकार से थर्मल इन्सुलेशन टेप और अन्य प्रकार के इलेक्ट्रिक उत्पादों की आपूर्ति से संबंधित अनुबंध पर थी।


हनीट्रैप गिरोह से कमाई गई धनराशि को सुरक्षित करने के लिए श्वेता ने अपनी दोस्त सेक्स स्कैंडल में सहयोगी रही बरखा सोनी की मदद ली। बरखा समर्थ सामाजिक सेवा संस्थान समिति के नाम से एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) चलाती हैं। श्वेता ने राज्य के भाजपा नेताओं के साथ मेलजोल बढ़ाया। वहीं बरखा को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में लगातार जाते देखा गया। उनका फेसबुक अकाउंट पर पार्टी के प्रमुख चेहरों के साथ काफी तस्वीरें देखी जा सकती हैं।

सूत्रों का कहना है कि श्वेता ने ब्लैकमेल करने के लिए आईएएस व आईपीएस अधिकारियों के साथ ही एक दर्जन से अधिक प्रमुख राजनेताओं से फोन पर की गई बातचीत की रिकॉर्डिग रखी हुई थी। जब भोपाल के मीनल रेजीडेंसी स्थित उसके घर पर पुलिस ने घेराबंदी की, तब तक उसके मोबाइल फोन की अधिकांश कॉल रिकॉर्डिग डिलीट नहीं की गई थी। देर रात की गई ये कॉल अश्लील सेक्स चैट से संबंधित थी।

दो दिन पहले ही एसआईटी प्रमुख संजीव शमी ने राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ एक बैठक भी की थी। शमी ने बाद में मीडियाकर्मियों से कहा कि उनकी टीम भ्रष्टाचार इस मामले की सभी एंगल से जांच कर रही है। इस दौरान उन्होंने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने का भरोसा भी जताया था।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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