पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा में कटौती की गयी है। गृह मंत्रालय ने डॉ मनमोहन सिंह से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा वापस ले ली है। इस मामले में गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वर्तमान सुरक्षा कवर की समीक्षा की गई है। यह समीक्षा सुरक्षा एजेंसियों की ओर से संभावित खतरे को देखते हुए की जाती है। गृह मंत्रालय का कहना है कि एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के बाद मनमोहन सिंह को जेड प्लस की सुरक्षा कवर दी जाएगी। अब उन्हें केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) का सुरक्षा कवर मिलेगा।
मनमोहन सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह खुद व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं है, वह सरकार के फैसले के साथ हैं। डॉ सिंह ने हाल ही में राज्यसभा सदस्यता की शपथ ली है। वह राजस्थान से निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने पिछले महीने भी देश के कई बड़े नेताओं को प्रदत्त सुरक्षा की समीक्षा की थी। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, यूपी बीजेपी के नेता संगीत सोम, बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी की सुरक्षा घटा दी गई थी। इसके अलावा केंद्र ने सुरेश राणा, एलजेपी सांसद चिराग पासवान, पूर्व सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा में भी कटौती की गयी थी।
बता दें, 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्डों द्वारा हत्या करने के बाद पीएम की सुरक्षा के लिए साल 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी। साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी एक्ट में संशोधन किया गया और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को अगले 10 साल तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया।
हालाँकि, साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इस कानून में संशोधन किया गया और वह दस साल की सीमा को घटाकर एक साल कर दिया गया। इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया गया कि खतरे को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार सुरक्षा की समय सीमा तय करेगी।