Homi Jehangir Bhabha Birthday: वो महान वैज्ञानिक जिसे पंडित नेहरू भाई कह कर पुकारते थे

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Homi Jehangir Bhabha Birthday: वो महान वैज्ञानिक जिसे पंडित नेहरू भाई कह कर पुकारते थे

होमी जहांगीर भाभा पर किताब लिखने वाली इंदिरा चौधरी एक इंटरव्यू में बताती हैं, “मृणालिनी साराबाई ने मुझे बताया था कि भाभा ने उनके दो स्केच बनाए थे। यहां तक कि हुसैन का भी स्केच भाभा ने बनाया था। जब हुसैन की पहली प्रदर्शनी मुम्बई में हुई थी तो भाभा ने ही उसका उद्घाटन किया था। जब भी बॉम्बे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स की प्रदर्शनी होती थी तो भाभा ज़रूर आते थे और वहां से अपनी संस्था के लिए पेंटिंग्स और मूर्तियां ख़रीदते थे।”

भारत के वैज्ञानिक सीवी रमन भाभा को भारत का लियोनार्डो डी विंची कहा करते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि भाभा की चित्रकला में बड़ी रुचि थी। विज्ञान के साथ साथ संगीत, नृत्य, पुस्तक और चित्रकला भी उन्हें बेहद पसंद था। वो अपने साथियों का पोर्ट्रेट या स्केच बनाते थे।


जाने-माने वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर यशपाल ने भाभा के संगीत प्रेम को लेकर एक इंटरव्यू में कहा था कि, “संगीत में उनकी बहुत रुचि थी चाहे वो भारतीय संगीत हो या पश्चिमी शास्त्रीय संगीत। किस पेंटिंग को कहां टांगा जाए और कैसे टांगा जाए फ़र्नीचर कैसा बनना है हर चीज़ के बारे में बहुत गहराई से वह सोचते थे। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फ़ंडामेंटल रिसर्च में हर बुधवार को एकेडमिक कॉन्फ्रेंस होती थी और भाभा ने शायद ही कोई कोलोकियम (एकेडमिक कॉन्फ्रेंस) मिस किया हो। इस दौरान वह सबसे मिलते थे और जानने की कोशिश करते थे कि क्या हो रहा है और क्या नहीं हो रहा है।”

होमी भाभा को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के काफ़ी नज़दीक माना जाता है। नेहरु उन्हें भाई कहकर पुकारते थे।


इस रिश्ते के बारे में इंदिरा चौधरी एक इंटरव्यू में बताती हैं, “नेहरू को सिर्फ़ दो लोग भाई कहते थे… एक थे जयप्रकाश नारायण और दूसरे होमी भाभा। हमारे आर्काइव में इंदिरा गांधी का एक भाषण है जिसमें वह कहती हैं कि नेहरू को भाभा अक्सर देर रात में फ़ोन करते थे और नेहरू हमेशा उनसे बात करने के लिए समय निकालते थे। एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक थे पैट्रिक बैंकेट जो डीआरडीओ के सलाहकार होते थे… उनका कहना था कि नेहरू को बौद्धिक कंपनी बहुत पसंद थी और होमी भाभा से वह कंपनी उन्हें मिला करती थी।”

होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर, 1909 को मुंबई के पारसी परिवार में हुआ था। उन्होंने मुंबई से कैथड्रल और जॉन केनन स्कूल से पढ़ाई की। फिर एल्फिस्टन कॉलेज मुंबई और रोयाल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से बीएससी पास किया। मुंबई से पढ़ाई पूरी करने के बाद भाभा वर्ष 1927 में इंग्लैंड के कैअस कॉलेज, कैंब्रिज इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने चले गए। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में रहकर सन् 1930 में स्नातक किया। सन् 1934 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उन्होंने डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

मार्च 1944 में उन्होने कुछ वैज्ञानिकों की सहायता से नाभिकीय उर्जा पर अनुसन्धान आरम्भ किया। उन्होंने 1945 में मूलभूत विज्ञान में उत्कृष्टता के केंद्र टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) की स्थापना की। 1947 में उन्हें भारत सरकार द्वारा गठित परमाणु ऊर्जा आयोग का प्रथम अध्यक्ष नियुक्त किया गया। भाभा को पाँच बार भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। उन्हें पद्म भूषण से भी नवाजा गया था। 24 जनवरी 1966 को एक हवाई दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी।

भाभा को श्रद्धांजलि देते हुए जेआरडी टाटा ने कहा था कि, “होमी भाभा उन तीन महान हस्तियों में से एक हैं जिन्हें मुझे इस दुनिया में जानने का सौभाग्य मिला है। इनमें से एक थे जवाहरलाल नेहरू, दूसरे थे महात्मा गाँधी और तीसरे थे होमी भाभा। होमी न सिर्फ़ एक महान गणितज्ञ और वैज्ञानिक थे बल्कि एक महान इंजीनियर, निर्माता और उद्यानकर्मी भी थे। इसके अलावा वो एक कलाकार भी थे। वास्तव में जितने भी लोगों को मैंने जाना है और उनमें ये दो लोग भी शामिल हैं जिनका मैंने ज़िक्र किया है, उनमें से होमी अकेले शख़्स हैं जिन्हें ‘संपूर्ण इंसान’ कहा जा सकता है।”

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