होटल, पर्यटन उद्योग को राहत पैकेज की संभावना नहीं : भाजपा प्रवक्ता

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नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने शनिवार को कहा कि कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार द्वारा होटल व पर्यटन उद्योग के लिए कोई आर्थिक पैकेज दिए जाने की संभावना नहीं है।

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के आह्वान और कोरोना के मौजूदा संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत किए गए उपायों की चर्चा करते हुए अग्रवाल ने कहा कि इससे कृषि, विनिर्माण समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों की पूर्ति के उपाय किए गए हैं। हालांकि इसमें कोरोना से बुरी तरह प्रभावित पर्यटन उद्योग के लिए अलग से किसी प्रकार के आर्थिक पैकेज से उन्होंने इंकार किया।


वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को इस पैकेज के तहत चौथी कड़ी के उपायों की घोषणा की, जबकि अंतिम कड़ी के उपायों की घोषणा रविवार को की जाएगी।

एक वेबिनार के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब में भाजपा प्रवक्ता और आर्थिक विषय के जानकार गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि सरकार देसी उत्पादों को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि स्वतंत्रता के बाद से ही इस पर कम ध्यान दिया गया। इस वेबिनार का संचालय नारद संचार नामक मंच द्वारा किया गया था।

अग्रवाल ने कहा कि “अमेरिका और जापान की सैकड़ों कंपनियों ने चीन से अपनी विनिर्माण इकाइयों को विकेन्द्रीकृत कर भारत में भी उत्पादन इकाई लगाने की इच्छा व्यक्त की हैं लेकिन इसके लिए उनकी शर्तें हैं। सरकार इस बारे में आवश्यक सुधार करेगी।”


उन्होंने कहा कि स्थानीयता को बढ़ावा देने के लिए तीसरे स्तर की सप्लाई चेन को मजबूत करना होगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि स्थानीयकरण के अभियान में विदेशी उत्पादों के बहिष्कार का निर्णय लेने की कोई गुजाइश नहीं है।

प्रवासी मजदूरों की दयनीय दशा पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि करीब चार से साढ़े चार करोड़ श्रमिक लौटे गए हैं या लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन मजदूरों के जल्द ही वापस उन्हीं राज्यों में काम पर लौटने की आशा कम है, फिर भी कल-कारखाने खोलने के लिए पर्याप्त संख्या में मजदूर अपने कार्यक्षेत्र में मौजूद हैं।

एक सवाल पर अग्रवाल ने कहा कि सरकार श्रमिकों को वेतन के एवज में कोई सब्सिडी या मदद नहीं दे रही है, लेकिन 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी यदि 15 हजार रुपये से कम वेतन पर हैं, तो उनके भविष्य निधि खातों में नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों का योगदान केन्द्र सरकार ने देने का फैसला लिया है।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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