कुछ दिनों पहले यूपीएससी (UPSC) के नतीजे आए थे। अब इसी को लेकर एक दावा सोशल मीडिया (Social Media) पर किया जा रहा है। इस दावे में ये बताया जा रहा है कि पीएससी द्वारा कराई जाने वाली आईएएस परीक्षा में मुस्लिम उम्मीदवारों को हिंदू उम्मीदवारों की तुलना में कई अतिरिक्त छूट मिलती है।
इसमें कहा जा रहा है कि परीक्षा में उम्मीदवारों की आयु सीमा (Age Limit) कम है और मुस्लिम उम्मीदवारों की ज्यादा। इसनें हिंदू उम्मीदवारों की आयु सीमा जहां 32 और मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए यह 35 बताई जा रही है। इस दावे में ये भी कहा जा रहा है कि हिंदू उम्मीदवार को सिर्फ 6 मौके (Attempts) मिलते हैं जबकि मुस्लिम उम्मीदवारों 9 मौके। इस दावे के साथ एक स्क्रिनशॉट भी वायरल हो रहा है। इस स्क्रिनशॉट को सुदर्शन न्यूज के कार्यक्रम में दिखाया गया था।
यूपीएससी में भेदभाव.!
हिन्दुओं के पास 6 प्रयास हैं,
मुस्लिमों को 9 प्रयास.?हिन्दू के लिए आयु सीमा 32 है,
वहीं मुस्लिम के लिए 35 है.?
पहले अल्पसंख्यक बन लाभ उठाते हैं,
और फिर OBC के भी लाभ उठाते हैं.??हिन्दुओं की मांग है कांग्रेस सरकार द्वारा बनाया गया ये नियम बदला जाए.. pic.twitter.com/vcZGbEDuk1
— राम द्विवेदी? (@RamhariRSS) September 12, 2020
दावे की क्या है सच्चाई?
इस साल के युपीएससी के ऑफिशियल नोटिफिकेशन में आयु सीमा को लेकर जानकारी दी गई है। इस नोटिफिकेशन की मानें तो 21 से 32 वर्ष के कैंडिडेट्स यूपीएससी की आईएएस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। उम्र सीमा में छूट की बात करें तो, एससी/ एसटी कैंडिडेट्स को 5 साल, ओबीसी कैटेगरी के कैंडिडेट्स को 3 साल की छूट मिलती है। जो कैंडिडेट्स पहले से डिफेंस के क्षेत्र में कमीशंड हैं, उन्हें अलग-अलग नियमों के मुताबिक 3 या 5 साल की छूट दी जाती है। इस नोटिफिकेशन में कहीं भी मुस्लिम उम्मीदवारों को अलग से उम्र सीमा में छूट मिलने की बात नहीं कही गई है।
इसी नोटिफिकेशन में ये भी दिया गया है कि सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 6 मौके ( Attempts) होते हैं। वहीं ओबीसी कैंडिडेट्स को 9 मौके मिलते हैं। एससी/ एसटी कैंडिडेट्स के लिए मौके की कोई सीमा नहीं है। इसमें भी मुस्लिमों के लिए अतिरिक्त मौकों की कोई बात नहीं कही गई है। सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा बिल्कुल गलत है।