हर छोटी लड़की के लिए.. हैरिस का विजयी भाषण (लीड-1)

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न्यूयॉर्क, 8 नवंबर (आईएएनएस)। सफेद पैंट सूट पहनकर स्टेज पर पहुंची अमेरिका की पहली भारतीय और अश्वेत अमेरिकी उप-राष्ट्रपति चुनीं गईं कमला हैरिस ने जीत का शानदार भाषण दिया। अपनी मां को याद किया और महत्वाकांक्षा के साथ देखे जाने वाले सपने और चुनाव में अपने साथी के तौर पर महिला को चुनने के लिए जो बाइडेन के साहस की बात की।

पुलित्जर पुरस्कार विजेता इतिहासकार जॉन मैचम ने शनिवार रात के हैरिस के भाषण को अमेरिकी वातार्लाप के नवीकरण का संकेत बताया।


हैरिस लाल और नीली बत्ती लगी एक मोटरसाइकिल पर पहुंची, जो कि संकेत था व्हाइट हाउस अब डोनाल्ड ट्रंप-माइक पेंस के हाथ से चला गया है। अपनी बातों में हैरिस ने बहुसांस्कृतिक अमेरिका के अविश्वसनीय वादे की झलक दिखाई।

100 साल पहले महिलाओं को मतदान देने और 55 साल पहले देश के शक्तिशाली राजनीतिक पदों पर महिलाओं को चुने जाने के नियमों का हैरिस ने जिक्र करते हुए कहा, मैं इस कार्यालय में पहली महिला हो सकती हूं, लेकिन मैं आखिरी नहीं होऊंगी।

हर खास मौके की तरह हैरिस ने इस बार भी अपनी मां श्यामला गोपालन को धन्यवाद देते हुए कहा, आज यहां मेरी उपस्थिति के लिए सबसे अधिक श्रेय मेरी मां को जाता है। जब वह 19 साल की उम्र में भारत से यहां आई थी, तो शायद उसने इस पल की कल्पना नहीं की थी। हर छोटी लड़की आज रात को देखेगी कि यह संभावनाओं का देश है।


जो को लेकर उन्होंने कहा, जो के चरित्र की खासियत है कि वे अपने साहस से बाधाओं को तोड़ते हैं, उन्होंने एक महिला को उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनकर एक अहम बाधा को तोड़ा है। जब मैं इस कार्यालय में पहली महिला हो सकती हूं, तो मैं अंतिम नहीं होउंगी। आज रात हर छोटी लड़की देखेगी कि यह संभावनाओं का देश है। लिंग की परवाह किए बिना हमारे देश ने बच्चों को एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि महत्वाकांक्षा के साथ सपने देखें, ²ढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ें और उन रास्तों पर जाएं जो दूसरों के लिए आसान नहीं थे, हम आपको हर कदम पर सराहेंगे।

महामारी के बाद शनिवार का दिन देश में जश्न का दिन रहा। अमेरिकियों ने हर गली-चौराहे पर जीत का जश्न मनाया। लोग कारों और बालकनी से हाथ हिला रहे थे, गा रहे थे, डांस कर रहे थे, जैसे 2008 में ओबामा की जीत पर हुआ था।

हैरिस ने कहा, पिछले 4 साल जब ट्रंप राष्ट्रपति थे तो मैं गुफा में थी, वहां बहुत अंधेरा था अब मैं गुफा से बाहर आई हूं।

–आईएएनएस

एसडीजे-एसकेपी

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