हर कहानी एक खोज है : फिल्मकार साहिर सेठी

  • Follow Newsd Hindi On  

मुंबई, 13 मई (आईएएनएस)। युवा फिल्मकार साहिर सेठी ने लघु फिल्म ‘जोया’ का निर्देशन किया है, जो बाघ संरक्षण की महत्ता पर आधारित है। उनका कहना है कि जंगलों में बाघ का दर्शन मिलना एक अवसर है।

साहिर ने आईएएनएस को बताया, “मुझे वह अनुभव याद है जब मैंने पहली बार जंगल में बाघ को देखा था। वह मुझसे करीब छह फीट की दूरी पर था। यह इतना शानदार था कि मैं उसी में खो गया। मैंने पढ़ना शुरू किया कि किस तरह से शिकार वगैरह के चलते बाघों को परेशानियां हो रही हैं, किस तरह से उनकी संख्या में गिरावट आ रही है। मुझमें इसकी कहानी को बताने की इच्छा पैदा हुई, न केवल एक कहानीकार के रूप में, बल्कि एक गहरी भावना के साथ मैं इस बारे में बताना चाहता था।”


वह आगे कहते हैं, “किसी बाघ को तस्वीर या बड़े पर्दे पर देखने का अनुभव उसे असली में देखने जैसा नहीं है। यकीन मानिए, अगली पीढ़ी के लिए बाघ को जंगल में देख पाना किसी अवसर से कम नहीं होगा और ऐसा तभी मुमकिन हो पाएगा, जब हम इन्हें बचाने व संरक्षित करने का प्रयास करेंगे। फिल्म में मुख्य किरदार डॉ. राजीव कपूर (राजेश तैलंग द्वारा निभाया किरदार) बाघों का संरक्षण करने के लिए हर रोज कड़ी मेहनत करते हैं और इसी के चलते हमें जंगल में बाघ को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।”

‘जोया’ को साल 2015 में फिल्माया गया था और यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई फिल्म महोत्सवों में प्रदर्शित हो चुकी है।

सेठी फिल्म की स्क्रिप्ट के बारे में बात करते हुए कहते हैं, “मेरे लिए हर कहानी एक खोज है। हर किरदार एक खोज पर निकलता है। जोया की कहानी सिर्फ एक संरक्षणकर्ता की कहानी नहीं है, जिसे एक लापता बाघ की तलाश रहती है, बल्कि यह आंतरिक खोज भी है, जो दार्शनिक है, तो यह उसकी आंतरिक और बाहरी खोज का एक मिश्रित प्रारूप है।”


फिल्म में राजेश तैलंग सहित मंजोत सिंह और गीता अग्रवाल शर्मा भी हैं।

यह मूबी इंडिया ऐप पर उपलब्ध है।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)