पटना। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का दौरा किया, जहां पिछले एक पखवाड़े में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण 81 बच्चों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रविवार को सात बच्चों की मौत हो गई, जिसके बाद एईएस के कारण मरने वाले बच्चों की कुल संख्या 81 हो गई है। शनिवार रात तक 73 बच्चों की मौत हो गई थी।
हालांकि, बीमारी के कारण अनाधिकारिक रूप से 100 से अधिक की मौत होने की बात कही जा रही है क्योंकि कुछ बच्चों की मौत अस्पताल में भर्ती होने से पहले हो गई थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के साथ हर्षवर्धन ने राज्य के स्वामित्व वाले श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया।
एक जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “मंत्री स्थिति का जायजा लेने के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक कर रहे हैं।”
इस बीच शहर में एसकेएमसीएच और निजी केजरीवाल अस्पताल में एईएस के लक्षणों के साथ नए मामलों का सामने आना जारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को बेगूसराय जिले में दो और पूर्वी चंपारण जिले में तीन बच्चों की मौत हो गई।
मालूम हो कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज्यादा है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है।
Bihar CM Nitish Kumar announces an ex-gratia of Rs 4 Lakh each to families of the children who died due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur. He has also given directions to health dept, dist admn & doctors to take necessary measures to fight the disease.(file pic) pic.twitter.com/u3k6HyjNBK
— ANI (@ANI) June 15, 2019
बता दें, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिवार को 4 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्राशसन और डॉक्टरों को इस बीमारी से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है।
(इनपुट: आईएएनएस)