अक्सर लोग बाइक या स्कूटर चलाते समय हेलमेट तो लगा लेते हैं लेकिन वह किसी ब्रांडेड कंपनी का नहीं बल्कि लोकल होता है। दरअसल अब अगर लोकल हेलमेट लगाया तो आपको भारी-भरकम चालान काट दिया जाएगा। दोपहिया सवारों के लिए केंद्र सरकार सिर्फ ब्रांडेड हेलमेट पहनने का नया कानून लाने जा रही है।
सरकार ब्रांडेड हेलमेट ( Branded Helmet ) पहनने के साथ-साथ उत्पादन और बिक्री सुनिश्चित करने के लिए नए कानून लाने की तैयारी कर रही है। इसके संबंध में मंत्रालय ने 30 जुलाई को जारी अधिसूचना में हितधारकों से आपत्ति व सुझाव मांगे हैं। लोकल हेलमेट पहनकर बाहर निकलने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसके साथ ही लोकल हेलमेट उत्पादन पर दो लाख रुपये का जुर्माना व जेल का प्रावधान भी किया जाएगा। सड़क हादसों में लोकल हेलमेट अथवा बिना हेलमेट के चलते हर रोज 28 बाइक सवारों की जान चली जाती है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने बाइक सवारों को सुरक्षित हेलमेट मुहैया कराने के लिए पहली बार इसे भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआई) की सूची में शामिल किया है।
मंत्रालय ने 30 जुलाई को जारी अधिसूचना में हितधारकों से आपत्ति व सुझाव मांगे हैं। इसके 30 दिन बाद इस नए नियम को लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत निर्माता कंपनियों को हेलमेट को बाजार में बिक्री से पहले बीएसआई से प्रमाणित (क्वालिटी कंट्रोल) करना अनिवार्य होगा।
इसमें राज्य सरकारों के प्रवर्तन विभाग को अधिकार होंगे कि वह लोकल हेलमेट की बिक्री व उत्पादन पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर जांच करें। विशेषज्ञों के मुताबिक बगैर हेलमेट अथवा हेलमेट की खराब गुणवत्ता (लोकल हेलमेट) होने पर 1,000 रुपये का चालान होगा। वहीं नए मानक में हेलमेट का वजन डेढ़ किलो से घटाकर एक किलो 200 ग्राम कर दिया गया है।
नए कानून के तहत गैर बीआईएस हेलमेट उत्पादन, स्टॉक व ब्रिकी अब अपराध माना जाएगा। ऐसा करने पर कंपनी पर दो लाख का जुर्माना व सजा होगी। लोकल हेलमेट को अब निर्यात भी नहीं किया जा सकेगा। हेलमेट सड़क हादसों में बाइक सवार की जान नहीं बचाता है। बीएसआई लागू होने से हेलमेट के बैच, ब्रांड, बनने की तारीख आदि का उपभोक्ता को पता रहेगा।