बी चंद्रकला: ‘लेडी सिंघम’ से एक ‘भ्रष्ट’ अधिकारी तक

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बी चंद्रकला: 'लेडी सिंघम' से एक 'भ्रष्ट' अधिकारी तक B chandrakala IAS full profile Lady Singham CBI | Newsd - Hindi News

नई दिल्ली। साल 2008 बैच की आईएएस अधिकारी भुक्या चंद्रकला (बी चंद्रकला)। हमेशा सुर्खियों में रहने वाली यूपी कैडर की ईमानदार और तेज तर्रार छवि वाली अफसर बी चंद्रकला। सोशल मीडिया पर तगड़ी फैन फॉलोइंग वाली ‘लेडी सिंघम’ बी चंद्रकला, जिनके जूनियर अफ़सरों को लताड़ लगाते हुए कई वीडियो जमकर वायरल हुए। वही अब अवैध खनन मामलों को लेकर सीबीआई के शिकंजे में फंसती नजर आ रही हैं।

बी चंद्रकला मूल रूप से तेलंगाना के करीमनगर की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई हैदराबाद से की है। भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के बाद साल 2009 में उनकी पहली तैनाती इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के फूलपुर में एसडीएम के रूप में हुई। उसी समय से वो सुर्ख़ियों में आनी शुरू हुईं और ये क्रम अब तक जारी है। साल 2012 में बी. चंद्रकला को हमीरपुर का डीएम बनाया गया और 2017 तक वो कुल पांच ज़िलों में जिलाधिकारी की ज़िम्मेदारी निभा चुकी थीं।


सपा सरकार से नजदीकी

हमीरपुर में तैनाती के बाद से ही खनन को लेकर उनकी संदिग्ध भूमिका की चर्चा होने लगी थी। तमाम आलोचनाओं के बावजूद प्रशासन में लगातार बढ़ते कद से ये माना जाने लगा कि वो सपा सरकार के बेहद क़रीब हैं।

हालांकि इस दौरान वो अक्सर अपनी कार्यशैली को लेकर भी चर्चा में रहीं। बुलंदशहर की डीएम रहते हुए उन्होंने एक स्थानीय ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ। उसके बाद तो ऐसे कई वीडियो वायरल हुए जिनमें बी. चंद्रकला अपने अधीन कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों का क्लास लगाती नजर आ रही हैं।

एक प्राथमिक स्कूल की जांच के दौरान वहां के विद्यार्थियों से उनका संवाद और फिर अध्यापकों नसीहत देता हुआ उनका वीडियो भी काफ़ी सुर्ख़ियों में रहा था।


यूपी चुनाव में बीजेपी नेताओं के साथ तनातनी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान बी. चंद्रकला मेरठ के डीएम के पद पर तैनात थीं। इस दौरान बीजेपी नेताओं से उनकी जमकर तनातनी हुई और बीजेपी ने उनकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की थी। शिकायत में भाजपा ने बी चंद्रकला पर आरोप लगाया था कि वह पक्षपातपूर्ण रवैया दिखा रही हैं और सत्ताधारी पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रही हैं। मेरठ बीजेपी के महानगर अध्यक्ष की ओर से दिए गए इस शिकायती पत्र में चंद्रकला के ट्रांसफर की मांग भी की गई थी।

केंद्र में भी हो चुका है ट्रांसफ़र

2017 में उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही बी. चंद्रकला के प्रभाव में भी परिवर्तन आ गया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पहले वो दिल्ली गईं लेकिन कुछ दिन पहले ही मूल कैडर में वापस आ गईं। बी चंद्रकला पेयजल और स्‍वच्‍छता मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त थीं। बाद में बी चद्रंकला को केंद्रीय राज्य मंत्री, साध्वी निरंजन ज्योति का प्राइवेट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया।

सीबीआई ने उन पर अवैध खनन मामले में छापेमारी की है, जब वो हमीरपुर ज़िले की कलेक्टर थीं। इसके अलावा बी चंद्रकला सरकारी दस्तावेज़ों में अपनी संपत्ति की घोषणा को लेकर भी चर्चित रही हैं। नौकरी की शुरुआत में उन्होंने अपनी संपत्ति शून्य दिखाई थी, लेकिन महज एक साल बाद ही संपत्ति में दस लाख रुपये की वृध्दि का रिटर्न भरा।

बता दें कि पिछले साल मई में भ्रष्टाचार के एक मामले में बी चंद्रकला को इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी झटका लगा था। हाईकोर्ट ने इलाहाबाद की सीजेएम कोर्ट से उनके खिलाफ जारी समन आदेश को सही मानते हुए उनकी अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया था।

इस मामले में चंद्रकला सहित कुछ अन्य लोगों पर आरोप हैं कि इन्होंने मिलकर अनंती देवी नाम की एक महिला के घर को जाने वाले रास्ते को ख़त्म कर दिया था। यह मामला उस समय का है जब बी चंद्रकला इलाहाबाद की फूलपुर तहसील में एसडीएम थीं। गांव की एक महिला आसमा बानो ने साल 2011 में एसडीएम से मिलकर रास्ते में आने वाली ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर लिया था।

अनंती देवी ने एसडीएम के इस फ़ैसले को इलाहाबाद की सीजेएम कोर्ट में चुनौती दी थी। सीजेएम कोर्ट ने बी चन्द्रकला समेत अन्य लोगों को समन जारी किया था, जिसे बी चंद्रकला ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी अपील ख़ारिज कर दी थी और सीजेएम के समन को वैध ठहराया था।

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