भारत का न्यूजीलैंड दौरा शुरू होने में महज कुछ ही घंटे शेष है, ऐसे में भारतीय टीम की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले विकेट-कीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर चर्चा में है। भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में ना केवल लगातार तीन(बैक-टू-बैक) अर्धशतक लगाए बल्कि मैन ऑफ सीरीज का खिताब भी ले उड़े। अब ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी धीमे-धीमे अपनी पुरानी लय हासिल करते जा रहे हैं। जो कि भारतीय टीम के लिए विश्व कप से पूर्व एक बहुत अच्छा संकेत है।
क्या कहते हैं आंकड़े
37 वर्षीय पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ना केवल भारतीय टीम के मध्य क्रम को संतुलन प्रदान करते हैं बल्कि शीर्ष क्रम के धुरंधर बल्लेबाजों को भी बिना किसी दबाव के खुल कर खेलने का सहयोग प्रदान करते है। जाहिर है कि इसका नतीजा भी अच्छा मिलता है। न्यूजीलैंड के लिए यही चिंता का विषय है। क्योंकि आंकड़े भी बताते हैं कि महेंद्र सिंह धोनी ने लंबे समय से इस कीवी टीम के खिलाफ हमेशा शानदार खेल दिखाया है।
पूर्व भारतीय कप्तान और विश्व स्तर के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ उसकी ज़मीन पर 12 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेले हैं और इन मैचों में कुल 90.16 के औसत से 541 रन बनाए हैं। महेंद्र सिंह धोनी का ये किसी भी टीम के खिलाफ दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (कम के कम दस मैचों में) है। धोनी न्यूजीलैंड के खिलाफ इस औसत से 500 से अधिक रन बनाने वाले साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स के बाद दुनिया के दूसरे बल्लेबाज हैं।
महेंद्र सिंह धोनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कुल 24 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच(घर में और बाहर मिलाकर) खेले हैं जिनमे 47.47 की औसत से कुल 841 रन बनाए हैं। ये कीवी टीम के खिलाफ भारत की ओर से किसी भी ख़िलाड़ी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। कीवी टीम के खिलाफ उनकी ही धरती पर सबसे ज्यादा रन बनाने की सूची में धोनी (10 मैचों में 456 ) तीसरे स्थान पर है। पूर्व कप्तान और भारत रत्न विजेता सचिन तेंदुलकर (18 मैचों में 652) और वीरेंद्र सहवाग (12 मैचों में 598) ही सिर्फ धोनी से आगे हैं। इसलिए, धोनी को तेंदुलकर से आगे निकलने के लिए कुल 197 रनों की आवश्यकता है, ऐसा करके धोनी एक और कीर्तिमान अपने नाम कर सकते है।
धोनी का बल्ला साल 2018 में खामोश था, इस दौरान उन्होंने 20 पारियों में केवल 275 रन बनाए, अपने 12 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर का सबसे खराब औसत और स्ट्राइक रेट दर्ज किया। हालांकि वर्ष २०१९ की शुरुआत में ही धोनी का बल्ला गरजा और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ में तीन अर्धशतक जमाये।