8 जुलाई, 1914 को कोलकाता में जन्मे ज्योति बसु लगातार 23 साल तक पश्चिम बंगाल के सीएम रहे। ‘भद्रलोक’ राजनेता बाबू अपनी पार्टी की वजह से दो-दो बार देश के प्रधानमंत्री बनने से चूक गए। लेकिन, उनका कद और उनकी समझ का दायरा इतना बड़ा था कि देश के प्रधानमंत्री भी राष्ट्रीय मुद्दों पर उनसे राय-मशविरा करते। ज्योति बसु के नेतृत्व में वामपंथी दलों ने पश्चिम बंगाल में लगातार पांच चुनाव जीते और बंगाल वाम राजनीति का अभेद्य किला बन गया। साल 2000 में ढलती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर ज्योति बाबू ने प. बंगाल के मुख्यमंत्री पद इस्तीफा दे दिया। 17 जनवरी, 2010 को 95 वर्ष की आयु में ज्योति बसु ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
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जन्मदिन विशेष: आदिवासियों के लिए लड़ने वाली ‘हजार चौरासी की मां’