सवर्णों को साधने के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए कदम की अंतिम बाधा भी दूर हो गई है। अब 1 फरवरी 2019 से सभी केन्द्रीय नौकरियों और सेवाओं में सवर्ण आरक्षण बिल पूरी तरह से लागू हो जाएगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बाद अब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने भी इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है। सभी मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को भेजे गए कार्यालय ज्ञापन (ऑफिस मेमोरेंडम) में, शीतकालीन सत्र में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण के प्रावधान के लिए किए गए संविधान संशोधन और आरक्षण के लिए तय किए गए नियम और शर्तों की विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें यह कहा गया है कि आरक्षण का लाभ वही परिवार उठा पाएंगे, जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख रुपये से कम होगी। वही किसान वर्ग में जिनके पास 5 एकड़ से कम खेती की जमीन होगी। इसके अलावा शहर में 1000 स्क्वायर फीट से कम का फ्लैट, 100 स्क्वायर यार्ड से कम का रिहायशी प्लॉट होगा।
चार राज्यों में हो चुके हैं लागू
आरक्षण का प्रावधान करने वाले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 15 जनवरी 2019 को इससे संबंधित अधिसूचना जारी की थी। इससे ठीक एक दिन पहले राष्ट्रपति की मुहर लगते ही इससे संबंधित संविधान संशोधन बिल ने कानूनी जामा पूरी तरह से पहन लिया था। पूरे देश में गुजरात पहला राज्य था जिसने इसे सबसे लागू किया था। इसके बाद झारखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश भी इस बिल को लागू कर चुके हैं। आपको बता दें इन चारों राज्य में बीजेपी का शासन है।
बिहार में भी जल्द लागू किया जायेगा
इससे पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार (21 जनवरी) को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सामान्य वर्ग में कमजोर लोगो के लिए 10 प्रतिशत कोटा जल्द ही राज्य में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान में इसका प्रावधान किया गया है | इस दौरान मुख्यमंत्री ने सामान्य वर्ग में कमजोर वर्गों के लिए कोटा आवंटन की सराहना की और माना कि यह बिल और अधिक रोजगार प्रदान करने में मदद करेगा।
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