वैज्ञानिकों ने तैयार की इकोफ्रैंडली डायट

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Scientists prepared echofrenally diet

इंसान को स्वस्थ रहने के लिए सही डाइट फॉलो करना बेहद जरूरी होता है पर साथ ही हमारी धरती को भी क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याओं से बचाना जरूरी है। इसी को मध्येनजर रखते हुए वैज्ञानिकों ने एक खास तरह का डायट प्लान तैयार किया है, जिसमें आपको हर दिन क्या और कितना खाना है इसकी पूरी जानकारी दी गई है। डाइट में सबसे अहम बात यह है कि अगर धरती पर मौजूद सभी लोग अपनी डायट में रेड मीट और शुगर में 50 प्रतिशत की कमी कर दें और उसकी जगह फल और सब्जियां ज्यादा खाना शुरू कर दें तो हर साल समय से पहले मरने वालों की संख्या में कमी लायी जा सकेगी साथ ही इस तरह के डायट प्लान से क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी ग्रीन हाउस गैस एमिशन में कमी आएगी, धरती पर इस वक्त मौजूद नस्लों और प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा, पानी की बर्बादी रोकने में मदद मिलेगी और पानी बचेगा और खेती योग्य भूमि को बढ़ाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोप और नॉर्थ अमेरिका के लोग रेड मीट का सेवन बहुत ज्यादा करते हैं लिहाजा उन्हें उसमें कमी करने की जरूरत है जबकि ईस्ट एशिया के लोगों को मछली के सेवन में कमी करने की और अफ्रीका के लोगों को स्टार्च वाली सब्जियों के सेवन में कमी करने की जरूरत है। ऐसे में अगर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद लोग अपनी डायट में अलग-अलग तरह का बदलाव करें तो एक परफेक्ट और हेल्दी डायट तैयार हो जाएगी। इससे न सिर्फ आप हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर जैसी कई बीमारियों से बचे रहेंगे बल्कि हर साल करीब 1 करोड़ लोगों की जो समय से पहले मौत हो जाती है उसे भी रोका जा सकेगा।
EAT-Lancet कमिशन के तहत दुनियाभर के 37 वैज्ञानिकों ने एक साथ मिलकर यह डायट तैयार किया है जिसे द प्लैनेट्री हेल्थ डायट नाम दिया गया है,उन्होंने इसमें क्लाइमेट चेंज से लेकर न्यूट्रिशन तक को शामिल किया है और इसे तैयार करने में पूरे दो साल का वक़्त लगा है।
आंकड़ों के अनुसार दुनिया की आबादी 7.7 बिलियन है जो 2050 तक बढ़कर 10 बिलियन यानी 1 हजार करोड़ हो जाएगी और इतनी बड़ी आबादी का पेट भरने के लिए सभी को अपने खान-पान में बदलाव करने की जरूरत है।


पेश है डायट का एक स्वरूप –
नट्स- 50 ग्राम प्रति दिन
बीन्स, दाल, फलियां, छोला-राजमा आदि- 75 ग्राम प्रति दिन
फिश- 28 ग्राम प्रति दिन
अंडे- 13 ग्राम प्रति दिन
रेड मीट- 14 ग्राम प्रति दिन
चिकन- 29 ग्राम प्रति दिन
होल ग्रेन (ब्रेड और राइस)- 232 ग्राम प्रति दिन
स्टार्च वाली सब्जियां- 50 ग्राम प्रति दिन
डेयरी- 250 ग्राम प्रति दिन
सब्जियां- 300 ग्राम प्रति दिन
फल- 200 ग्राम प्रति दिन
शुगर- 31 ग्राम प्रति दिन
ऑइल- 50 ग्राम प्रति दिन

वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गयी इस स्पेशल डाइट को अगर सभी लोग फॉलो करना शुरू कर दें तो इससे न सिर्फ आपकी और हमारी सेहत को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे हमारी धरती भी सुरक्षित रहेगी और साल 2050 तक 1 हजार करोड़ों लोगों का पेट भी भरा जा सकेगा।
हालांकि यह बात भी है कि सिर्फ डायट बदलने से बहुत ज्यादा फायदा तब तक नहीं होगा जब तक खाने की बर्बादी को न रोक दें।
EAT-Lancet कमिशन अपनी इस रिपोर्ट और इसके नतीजों को WHO के साथ-साथ दुनियाभर के देशों की सरकार के पास भी लेकर जाएगा ताकि लोगों के खानपान के तरीकों में बदलाव किया जा सके।


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