शिक्षा का इस्तेमाल समाज में सत्ता समीकरण साधने में हुआ : रत्ना पाठक शाह

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शिक्षा का इस्तेमाल समाज में सत्ता समीकरण साधने में हुआ : रत्ना पाठक शाह

मुंबई, नेटफ्लिक्स के आगामी शो ‘सेलेक्शन डे’ में स्कूल की प्रधानाचार्या की भूमिका निभाने वाली दिग्गज अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह ने शिक्षा प्रणाली को आलोचनात्मक रूप से देखा है और उनका कहना है कि इसका इस्तेमाल समाज में सत्ता का समीकरण साधने के लिए हुआ है।

रत्ना ने यहां आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “शिक्षा एक बहुत प्रभावशाली बल है जो आपको ताकत देती है। सदियों तक हम मानते रहे कि शिक्षा को कुछ खास लोगों के निजी दायरे तक सीमित रखना चाहिए। ‘शास्त्र’ के नजरिए को अपनाया गया, जहां शिक्षा व ज्ञान को हमने शक्ति व सत्ता का प्रतीक माना और इस तरह से हमारे देश में युगों तक जातिगत व्यवस्था बनी रही। शिक्षा का इस्तेमाल समाज में सत्ता के समीकरण को साधने के लिए हुआ है।”


उन्होंने कहा, “हमारे पास ऐसा कोई है जो हमारे शौचालय साफ करता है, अन्यथा हमें खुद साफ करना होगा। तो, हमने लोगों के एक समूह को नियंत्रित कर उन्हें शिक्षा से दूर रखा..लेकिन ऐसा कई देशों में हो रहा है। हम ऐसा करने वाले पहले नहीं है और न आखिरी होंगे।”

जानी-मानी रंगमंच व फिल्म अभिनेत्री ने कहा कि शिक्षा के मूल्य पर सवाल उठाना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, “क्या यह प्रणाली वास्तव में बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए है या उन्हें बस एक कर्मचारी बनाने के लिए है? शो में नेली विनबर्ग (मेरा किरदार) यह सवाल उठाती है।”


‘सेलेक्शन डे’ की कहानी दो किशोरों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन पर अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए जबरन क्रिकेटर बनने के लिए दबाव डाला जाता है।

अनिल कपूर निर्मित ‘सेलेक्शन डे’ में राजेश तैलंग, महेश मांजरेकर और शिव पंडित भी हैं। नेटफ्लिक्स पर यह 28 दिसंबर से प्रसारित होगा।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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