8वीं बार भारत चुना गया UNSC का अस्थायी सदस्य, जानें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बारे में सबकुछ

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8वीं बार भारत चुना गया UNSC का अस्थायी सदस्य, जानें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बारे में सबकुछ

भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का 8वीं बार अस्थाई सदस्य (India member of UNSC) चुना गया है। इसके साथ ही भारत साल 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थाई सदस्य बन जाएगा। 192 वोटों में से भारत के पक्ष में 184 वोट पड़े। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने अपने ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी देते हुए लिखा कि सदस्य देशों ने भारत को भारी समर्थन देते हुए 2021-22 तक के लिए यूएनएससी (UNSC) का अस्थाई सदस्य चुना है। आइये जानते हैं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बारे में…

क्या है UNSC

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख अंगों में से एक है। इसका प्रमुख कार्य पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया में शक्ति संतुलन को कायम करने के लिए इसका गठन किया गया था। इसमें वीटो की शक्ति वाले पांच स्थायी देशों सहित कुल 15 सदस्य देश होते हैं। स्थाई और अस्थाई सदस्य बारी-बारी से एक महीने के लिए परिषद के अध्यक्ष बनाए जाते हैं।


UNSC के पास होते हैं ये ख़ास अधिकार

इस विशेषाधिकार प्राप्त गुट में पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका हैं। 10 गैर-स्थायी सदस्य प्रत्येक दो साल के लिए चुने जाते हैं। इसकी शक्तियों में शांति नियंत्रण संचालन की स्थापना, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों की स्थापना और यूएनएससी संकल्पों के माध्यम से सैन्य कार्रवाई के प्राधिकरण शामिल हैं। यह एक संयुक्त राष्ट्र निकाय है जिसके पास सदस्य राज्यों के बाध्यकारी प्रस्ताव जारी करने का अधिकार है।

यूएनएससी शांति के खिलाफ खतरे को निर्धारित करने और आक्रामकता का जवाब देने के लिए उत्तरदायी है। यह देशों के बीच संघर्ष या विवाद को सुलझाने के शांतिपूर्ण साधन खोजने के प्रयास भी करता है। यह संयुक्त राष्ट्र महासचिव की संयुक्त राष्ट्र महासभा नियुक्ति और संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों के प्रवेश की भी सिफारिश करता है।

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। यह परिषद दुनियाभर के देशो में शांति मिशन भी भेजता है और अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।


हर साल 5 अस्थाई सीटों के लिए होता है चुनाव

अस्थाई सदस्यों को सभी सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था संयुक्त राष्ट्र महासभा चुनती है। महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थाई सदस्यों का चुनाव करती है। इसमें पाँच सदस्य एशियाई या अफ़्रीकी देशों से, दो दक्षिण अमरीकी देशों से, एक पूर्वी यूरोप से और दो पश्चिमी यूरोप या अन्य क्षेत्रों से चुने जाते हैं।

क्यों चुने जाते हैं अस्थाई सदस्य

सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य चुनने का मकसद यह होता है कि वहां क्षेत्रीय संतुलन बना रहे। इस बार अफ्रीका और एशिया-प्रशांत देशों के लिए तय दो सीटों पर तीन उम्मीदवार जिबूती, भारत और केन्या थे।

ऐसे होता है चुनाव

परिषद की अस्थाई सदस्यता के लिए सदस्य देशों में कड़ा मुक़ाबला होता है। इसका कारण शायद इस सदस्यता से जुड़ी प्रतिष्ठा या अपने देश के मामले को परिषद में उठाने का म़ौका मिलना हो सकता है। कुछ सदस्य देश सदस्यता की दावेदारी वर्षों पहले ही पेश कर देते हैं और वोट पाने के लिए कड़े प्रयास करते हैं। परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।

भारत कब-कब अस्थाई सदस्य चुना गया

भारत आठवीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया है। इससे पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भारत यह जिम्मेदारी निभा चुका है।

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