बाजार से गायब हो सकता है नमक, लॉकडाउन के कारण ठप हुआ उत्पादन

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बाजार से गायब हो सकता है नमक, लॉकडाउन के कारण ठप हुआ उत्पादन

कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन की वजह से आने वाले दिनों में नमक की भी किल्लत पैदा होने की आशंका है। नमक के उत्पादन से जुड़े किसानों का कहना है कि नमक का स्टॉक लगातार कम होता जा रहा है। लेबर की कमी, ट्रांसपोर्ट की कमी और एक जिले से दूसरे जिले में जाने की पाबंदियों के चलते नमक उत्पादकों को काम ठप करना पड़ा है। हालत देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि यदि जल्द उत्पादन शुरू नहीं हुआ तो मार्केट से नमक गायब हो जाएगा।

नमक के उत्पादन का मुख्य सीजन अक्टूबर महीने से लेकर जून तक होता है। आधा मार्च और अप्रैल का पूरा महीना लॉकडाउन में ऐसे ही गुजर चुका है। सीजन के 45 दिन से ज्यादा बर्बाद हो चुके हैं। बाजार के जानकार बता रहे हैं कि अभी केवल 45 दिन का स्टॉक बचा है।


इंडियन सॉल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भारत रावल ने कहा, ‘हमने आधा मार्च खो दिया। अप्रैल में भी कोई उत्पादन नहीं हुआ। मुख्य सीजन में हमने 40 दिनों तक कोई काम नहीं किया। नमक उत्पादन के मामले में यदि हम मार्च या अप्रैल में से किसी एक महीने काम नहीं कर पाते हैं तो यह इंडस्ट्री में 4 महीने के नुकसान के बराबर है।’

रावल ने कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि नमक के उत्पादन को लेकर हमने जो वक्त गंवाया है, उसकी भरपाई कर पाएंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि अभी 45 दिनों का वक्त ही बचा है। दरअसल, बरसात के मौसम में नमक का उत्पादन बंद हो जाता है। यही कारण है कि अक्टूबर से जून तक ही यह काम हो पाता है। रावल ने कहा कि यदि इस साल बारिश में कुछ देरी होती है तो हमें नमक उत्पादन के लिए कुछ अतिरिक्त दिन मिल सकते हैं, नहीं तो हमें इसी स्थिति में काम को बंद करना होगा।

गौरतलब है कि भारत में हर साल खाने के लिए 95 लाख टन नमक की खपत होती है। इसके अलावा 110 से 130 लाख टन तक नमक इंडस्ट्री में यूज होता है। बचे हुए 58 से 60 लाख टन तक नमक अन्य देशों को निर्यात किया जाता है, जो भारत पर निर्भर हैं। इसके साथ ही पावर प्लांट, ऑयल रिफाइनरीज, सोलर पावर कंपनियों, केमिकल मैन्युफैक्चरर्स, टेक्सटाइल मेकर्स, दवा निर्मात कंपनियों और चमड़ा उद्योग के काम में नमक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।


बता दें कि भारत के कुल नमक उत्पादन का 95 फीसदी उत्पादन मार्च और अप्रैल के बीच गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में होता है। वहीं महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी कुछ उत्पादन होता है। इस तरह ये सभी राज्य मिलकर साल भर में 200 से 250 लाख टन तक नमक का उत्पादन करते हैं।


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